الرئيسيةप्रदेशइंदौरखूंखार सटोरिया के साथ मध्यप्रदेश के कई बड़े आबकारी अधिकारियों का हाथ

खूंखार सटोरिया के साथ मध्यप्रदेश के कई बड़े आबकारी अधिकारियों का हाथ

इंदौर :- महाराष्ट्र के उल्ल्हास नगर के क्रिकेट सटोरिये और बुकी की तलाश अब इंदौर की क्राइम ब्रांच पुलिस को भी है। कोरोना काल में क्रिकेट के सट्टे का धंधा मंदा पड़ने के बाद महाराष्ट्र के उल्ल्हास नगर में रहने वाले दाऊद गैंग से जुड़े अनिल भगवानदास जयसिंघानी उम्र 54 वर्ष की तलाश अब मध्य प्रदेश पुलिस भी कर रही है।

आपको बतादें कि 2015 में आईपीएल के 2 हजार करोड़ के सट्टे और स्पॉट फिक्सिंग के मामले के बाद देशभर में चर्चा में आये बुकी अनिल जयसिंघानी की तलाश मध्यप्रदेश सहित गोवा, महाराष्ट्र, गुजरात और कर्नाटक की पुलिस कर रही है। वांटेड अपराधी इतना शातिर है कि वो अपने मायाजाल में सरकारी अधिकारियों को उलझा देता है। हाल ही में तो उसने महाराष्ट्र में अपने दुश्मनों की फेहरिस्त में से मुकेश सेठ, नंद सेठ और मन सेठ को फंसाने के लिए मध्यप्रदेश के काबिल अफसरों से सांठ गांठ कर एक जाल बुना था।

इस मामले की जानकारी जैसे ही पुलिस के आला अधिकारियों को लगी तो सामने आया कि इसमे अनिल जयसिंघानी और मध्य प्रदेश के आबकारी विभाग के बड़े अधिकारियो की भूमिका संदिग्ध है। इस मामले में कुछ ऑडियो रिकार्डिंग और वीडियो भी सामने आए है, जिसमे एक चक्रव्यूह के तहत अपने दुश्मनों को निपटाने की तैयारी अनिल जयसिंघानी ने की है।

दरअसल मध्य प्रदेश की धामनोद पुलिस ने जनवरी माह में करीब 50 लाख की अवैध शराब के ट्रक को पकड़ा था, जिसमें पकड़े गए ड्राइवर और एक अन्य व्यक्ति इश्तियाक ने पुलिस को बताया कि वो शराब उल्ल्हास नगर के मुकेश सेठ, नंदू सेठ और मनु सेठ के नाम लिए थे। वही जब मामले के तार जयसिंघानी से जुड़े तो उसने अपना नाम हटवाने के साथ ही तीनो लोगों पर कार्रवाई हो इसके लिए प्रदेश के आबकारी विभाग के अधिकारियों से संपर्क किया था।

अब मामला इंदौर की क्राइम ब्रांच पुलिस के पास है और क्राइम ब्रांच के एएसपी राजेश दंडोतिया ने मामले की गम्भीरता को समझते हुए बारीकी से तफ्तीश शुरू कर दी है। वही इंदौर क्राइम ब्रांच हर सबूतों और हर कनेक्शन की जांच सिलसिलेवार कर रही है। अलीराजपुर और झाबुआ के रास्ते भारी मात्रा में शराब पहुंचाने वाले जयसिंघानी के तार अलीराजपुर के एक बड़े एक्ससाइज अधिकारी और भोपाल में पदस्थ आबकारी विभाग के एक बड़े अधिकारी से है।

ऐसे में अब जब जांच इस बात की जाएगी तो सबकुछ साफ हो जाएगा कि कौन से अधिकारी डी कंपनी से जुड़े जयसिंघानी की गिरफ्तारी की बजाय उसकी मदद कर रहे थे।

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अनिल जयसिंघानी ने एक नई गैंग के जरिये मध्यप्रदेश में अपना नेटवर्क बढ़ा लिया है, उसकी नई गैंग में मुंबई के पालघर निवासी इश्तियाक, इंदौर निवासी गफ़्फ़ार खान, देवास निवासी नवीन लाल बहादुर उर्फ अन्नू, झज्जर हरियाणा का रहने वाला अजित सिंह और भोपाल कोहेफिजा का रहने वाला एक सट्टेबाज का नाम सामने आ रहा है।

मुंबई में पुलिस और राजनेताओं के सरंक्षण के चलते 18 साल तक अपनी सट्टे की हुकूमत चलाने वाले अनिल जयसिंघानी की तलाश में तो मुंबई की आजाद नगर पुलिस ने इनाम रख पोस्टर भी चस्पा करवा दिए थे। लेकिन अपने संबंधों और रुपयों की माया के चलते उसका कोई कुछ नही बिगाड़ सका।

फिलहाल, इंदौर क्राइम ब्रांच अब इस पूरे मामले में बेहद तेजी से काम कर रहा है और जल्द ही अनिल भगवानदास जयसिंघानी के पूरे नेटवर्क और उससे जुड़े सरकारी नुमाइंदों पर लगे मिलीभगत के आरोपो की सच्चाई पर्दाफाश कर सकता है।

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