भोपाल। ग्रहों के सेनापति मंगल 20 अक्टूबर को सुबह 10:44 बजे कर्क राशि में प्रवेश करेंगे, जो मंगल की नीच राशि मानी जाती है। कर्क राशि चंद्र प्रधान होती है। मंगल भूमि, सेना, हथियार, राजनीति और पृथ्वी में हलचल का कारक ग्रह है, जबकि चंद्रमा मन, समुद्र, सुनामी और चक्रवाती तूफानों की स्थिति निर्मित करता है।
मंगल के कर्क राशि में प्रवेश से राजनीतिक और प्राकृतिक अस्थिरता के संकेत मिलते हैं। ज्योतिषाचार्य पंडित विनोद गौतम के अनुसार, मंगल 23 जनवरी तक कर्क राशि में रहेंगे, जिससे देश-दुनिया में संघर्ष और आतंकी गतिविधियों में बढ़ोतरी की संभावनाएं हैं।
मंगल के नीच राशि में होने से पृथ्वी पर संघर्ष और तनाव की स्थिति बन सकती है, जिससे षड़यंत्री योग का निर्माण होगा। भारतीय भू-भाग पर षड्यंत्र की संभावनाएं बन रही हैं और राजनीतिक परिवर्तन भी संभव है। न्याय व्यवस्था पर भी प्रश्नचिह्न लग सकते हैं।
मध्य प्रदेश से कर्क रेखा गुजरने के कारण इस क्षेत्र में राजनीतिक परिवर्तन और विस्तार के संकेत हैं। आगजनी, हथियारों के प्रयोग और संघर्ष जैसी स्थितियां बन सकती हैं, जिससे देश को विशेष सतर्कता बरतने की जरूरत है। इस समय न्याय के ग्रह शनि और गुरु वक्री गति में हैं, जिससे संकट की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
मंगल के राशि परिवर्तन का प्रभाव:
– मेष: पुत्र सुख, भूमि लाभ, यात्रा में कष्ट।
– वृषभ: व्यर्थ चिंता, सहयोग मिलेगा।
– मिथुन: मेहमानों का आगमन, मतभेद बढ़ेगा।
– कर्क: स्वास्थ्य संबंधी चिंता, धोखा और परेशानी।
– सिंह: व्यर्थ विवाद, सफलता और धन लाभ।
– कन्या: स्थानांतरण, शारीरिक कष्ट, तनाव।
– तुला: अधिक श्रम, लाभ और अनावश्यक तनाव।
– वृश्चिक: भूमि लाभ, प्रतिष्ठा में वृद्धि, यात्रा।
– धनु: चिंता समाप्ति, संपत्ति में वृद्धि।
– मकर: मतभेद, धन लाभ, शुभ समाचार।
– कुंभ: रोग, प्रॉपर्टी से लाभ, पुत्र सुख।
– मीन: यात्रा, शुभ प्रसंग, परेशानी और कष्ट।