भोपाल | मध्य प्रदेश में जूनियर डॉक्टरों को शासन ने हड़ताल खत्म करने की चेतावनी दी है। चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि कोरोना और उससे होने वाली पोस्ट कोविड बीमारियों से अभी भी जंग जारी है। ऐसे में जूनियर डॉक्टरों का रवैया ब्लैकमेल करने जैसा है। हम उनकी छह में से 4 मांगे मान ली है। वेतन भी 60 से 70 हजार रुपए दे रहे हैं। इन सब के बीच प्रदेश के 6 मेडिकल कॉलेज के करीब 3 हजार से ज्यादा जूनियर डॉक्टर 31 मई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चल रहे हैं। इस दौरान उन्होंने इमरजेंसी,ओपीडी और वार्ड ड्यूटी बंद कर दी। उन्हें अपनी हठ धर्मिता छोड़ना होगा, नहीं तो एक्शन लिया जाएगा।
मंत्री सारंग ने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि जिस समय समाज को सबसे ज्यादा डॉक्टरों की जरूरत है, उस समय जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर जा रहे हैं। सरकार ने उनकी मांगें मानी है। उन्हें हर महीने 60 हजार रुपए से लेकर 70 हजार रुपए तक का स्टाइपेंड दिया जा रहा है। उनकी 6 मांगों में से 4 मांगों को मान लिया गया है, लेकिन उसके बाद भी हठ पर अड़े हुए हैं।
जिस संकल्प के साथ वे डॉक्टर बने, उस संकल्प को जब निभाने का समय आया तब वे मरीजों के साथ इस तरह से ब्लैकमेलिंग करेंगे। यह बहुत ही दुर्भाग्य पूर्ण है। मैंने निवेदन किया है। वह जल्द से जल्द काम पर वापस आए और यदि नहीं आते हैं, तो मजबूरन हमें निश्चित रूप से कार्रवाई करनी पड़ेगी। मरीजों के साथ यदि नाइंसाफी होगी तो यह सहन करना मुश्किल रहेगा।
- रूरल बांड की मांग के लिए समिति का गठन किया जाना था।
- कोविड-19 में लगे चिकित्सकों के परिजनों को भी निशुल्क चिकित्सीय सहायता का लाभ देने की बात हुई थी।
- जुड़ा के स्टाइफंड में 13 हजार रुपए की बढ़ोतरी होनी थी। इसके अनुसार प्रथम वर्ष में 68 हजार रुपए प्रति माह, द्वितीय वर्ष में 70 हजार रुपए प्रतिमाह और तृतीय वर्ष में 73 हजार रुपए प्रतिमा स्टाइफंड देने की बात की गई थी।
- स्टाइफंड में हर साल 6% की बढ़ोतरी को माना गया। यही नहीं पहले साल 24% स्टाइफंड बढ़ाने की बात हुई थी।