राजगढ़। अब तक आपने शादी में कई रीति-रिवाज देखे और सुने होंगे, लेकिन यह शायद ही देखा हो कि समधी महिलाओं के कपड़े और श्रृंगार में जमकर डांस करते हैं। समधनें बेटी की विदाई से पहले दूल्हे के पिता को साड़ी पहनाती हैं। दूल्हे के पिता के साथ ही उन सभी लोगों को ऐसा करना पड़ता है, जो समधी होते हैं। इस दौरान महिलाएं गालियां देते हुए गीत भी गाती हैं। यह अनोखी परंपरा पाल समाज की है। मध्यप्रदेश के राजगढ़ से उत्तर प्रदेश गई एक बारात में वहां की महिलाओं ने समधियों को महिलाओं के कपड़े पहनाए। क्रीम, पाउडर, लिपिस्टिक, काजल, बिंदी आदि लगाकर श्रृंगार किया। इसके बाद उनसे डांस करवाया।
जिले के सारंगपुर में पाल समाज के मोहन सिंह पाल के बेटे की शादी थी। उनके बेटे की बारात झांसी जिले के टहरौली गांव में गई थी। यहां बारात के बीच समधनों ने समधियों को महिलाओं के कपड़े पहनाए और डांस करवाया। बारातियों ने इसका वीडियो बना लिया। इसे सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया। उसके बाद राजगढ़ जिले सहित क्षेत्र में यह परंपरा चर्चा का विषय बनी हुई है। परंपरा अनुसार दुल्हन की विदाई के समय सभी समधियों को महिलाओं के कपड़े पहनाकर श्रृंगार किया गया।
मोहन सिंह पाल ने बताया कि ब्रज में जब गोपियों के साथ कृष्ण भगवान ने रास रचाया था, उसी पंरपरा के अनुसार आज भी हमारे समाज मे लड़कियों की विदाई के समय सभी समधियों को महिलाओं के कपड़े पहनाकर उनका श्रृंगार किया जाता है। श्रृंगार करते समय महिलाएं पारंपरिक गाली गीत गाती हैं। इससे हास्य का माहौल बनता है। हंसी खुशी लड़की की विदाई हो जाती है।