नई दिल्ली। मौसम विभाग ने चक्रवात बिपरजॉय से भारी नुकसान की आशंका जताई है। खास तौर पर गुजरात के कच्छ, देवभूमि द्वारका और जामनगर जिले इससे सबसे ज्यादा प्रभावित हो सकते हैं। बारिश और तूफान की वजह से निचले इलाकों में बाढ़ आने की भी आशंका है। मंगलवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने चक्रवाती तूफान बिपरजॉय की तैयारियों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। दिल्ली के विज्ञान भवन में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के आपदा प्रबंधन मंत्रियों के साथ आयोजित बैठक के बाद गृहमंत्री ने कहा कि पिछले 9 सालों में केंद्र सरकार और राज्यों ने इस मामले में काफी प्रगति की है, लेकिन हम संतुष्ट नहीं रह सकते। अब आपदाओं ने अपना रूप बदल लिया है और उसकी तीव्रता और बढ़ गई है। ऐसे में हमें और व्यापक योजना बनानी होगी।
कच्छ में मौजूद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने दावा किया है कि केंद्र और राज्य सरकार चक्रवात से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है। उन्होंने कहा कि हम किसी भी स्थिति से निपटने के लिए सहयोग करेंगे और जरूरत पड़ी तो सेना की भी मदद ली जाएगी। मंगलवार को बचाव अभियान को और तेज कर दिया गया है। सरकार तट से 10 किलोमीटर के इलाके में रह रहे लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचा रही है। NDRF और SDRF के 12-12 दलों को चक्रवात से प्रभावित होने वाले जिलों में तैनात किया गया है और लोगों के रहने, खाने और दवाओं की व्यवस्था की गई है।
IMD ने बताया कि सौराष्ट्र और कच्छ के निचले तटवर्ती इलाकों में तीन से छह मीटर ऊंची ज्वारीय लहरें आ सकती हैं। ऐसे इलाकों से लोगों को निकाले जाने की सिफारिश की गई है।
15 जून को गुजरात के द्वारका, जामनगर, कच्छ और मोरबी जिलों में हवा की रफ्तार लगभग 125-135 किमी प्रति घंटा होगी।
14 जून को सौराष्ट्र और कच्छ समेत कई जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश और अलग-अलग जगहों पर बहुत तेज बारिश होने की संभावना है।
15 जून को सौराष्ट्र और उत्तर गुजरात क्षेत्र के बाकी जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है।
14 जून की सुबह से पोरबंदर और देवभूमि द्वारका जिले के तटों पर हवा की रफ्तार 65 किमी से 85 किमी प्रति घंटे तक पहुंच सकती है।
15 जून सुबह को इन इलाकों में हवा की रफ्तार 125-135 किमी से 150 किमी प्रति घंटा हो जाएगी।