भोपाल। प्रदेश में फिलहाल मानसून मेहरबान है। बीते तीन-चार दिन से राजधानी भोपाल समेत प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में रुक-रुककर झमाझम वर्षा का दौर जारी है। मौसम विभाग के मुताबिक फिलहाल वर्षा से राहत के आसार नहीं हैं। राजधानी की बात करें तो मंगलवार सुबह 8.30 बजे से शाम 5.30 बजे तक भोपाल बैरागढ़ में 17.9, भोपाल सिटी में 14.4 मिमी वर्षा दर्ज की गई। वहीं बुधवार सुबह जारी आंकड़ों के मुताबिक बीते 24 घंटे में भोपाल में 26.1 मिमी वर्षा हुई। वहीं नमी का स्तर 97 फीसदी पाया गया। रोजाना हो रही वर्षा ने मौसम पूरी तरह बदल दिया है। तापमान में काफी गिरावट आ गई है। वर्षा ने शहर की व्यवस्था की पोल भी खोल दी है। एक जून से 13 जुलाई तक हुई वर्षा के आंकड़ों मुताबिक पूर्वी मध्य प्रदेश में अभी भी औसत से 5 प्रतिशत कम वर्षा हुई है, जबकि पश्चिमी मध्य प्रदेश में औसत से 27 प्रतिशत अधिक वर्षा दर्ज की गई है। हालांकि पूरे प्रदेश में औसत से 11 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई है।
मौसम विज्ञानियों ने 13 जुलाई के लिए भोपाल, इंदौर, नर्मदापुरम, जबलपुर व शहडोल संभागों के जिलों में तथा पन्ना, दमोह, सागर, रतलाम, उज्जैन, देवास जिलों में आरेंज अलर्ट जारी रखा है, जो 11 जुलाई से ही आरेंज ही है। विज्ञानियों का कहना है कि बीते कुछ दिन प्रदेश के कुछ हिस्सों में इसी तरह भारी वर्षा का दौर जारी रहेगा।
मौसम विज्ञानी वेद प्रकाश सिंह ने बताया कि वर्तमान में दक्षिणी ओडिशा तट के पास निम्न दाब क्षेत्र और अधिक प्रभावशाली होकर सुस्पष्ट निम्न दाब क्षेत्र के रूप में चक्रवातीय परिसंचरण के साथ सक्रिय है, जो समुद्र तल से 7.6 किमी की ऊंचाई तक दक्षिण-पश्चिमी झुकाव के साथ फैला हुआ है। मानसून द्रोणिका जैसलमेर-कोटा, गुना, रायसेन, मंडला, रायपुर, झारसुगड़ा और सुस्पष्ट निम्न दाब क्षेत्र से होते हुए पूर्व-मध्य बंगाल की खाड़ी तक विस्तृत है। साथ ही 20 डिग्री उत्तर अक्षांश के सहारे पठारी क्षेत्र के उत्तरी हिस्से में मध्य क्षोभमंडल के स्तर पर पूर्व से पश्चिम विरूपक हवाएं सक्रिय हैं और पंजाब के ऊपर अन्य चक्रवातीय परिसंचरण सक्रिय है।
मौसम विभाग के पूर्व वरिष्ठ विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि अगले 3-4 दिनों के दौरान मध्य प्रदेश में अधिकांश स्थानों से अनेक स्थानों पर हल्की/मध्यम वर्षा और बिजली और वज्रध्वनि के साथ वाली आंधी के साथ कहीं-कहीं भारी बारिश की बहुत संभावना है। 16 जुलाई तक पश्चिमी मध्य प्रदेश में कहीं-कहीं भारी वर्षा की बहुत संभावना है। वहीं 19 जुलाई तक मध्यप्रदेश के विभिन्न हिस्सों में रुक-रुककर वर्षा होने की संभावना है।