ग्वालियर। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अमित सांघी के निर्देश पर ग्वालियर जिले में सायबर फ्रॉड करने वाले अपराधियों की धरपकड की प्रभावी कार्यवाही की जा रही है। इस कार्यवाही के दौरान क्राईम ब्रांच ने लकी ड्रॉ मे फर्स्ट प्राईज में कार जीतने का झांसा देकर ठगी करने वाले बदमाशों को पकड़ा है क्राईम टीम द्वारा अशोका एन्क्लेव पार्ट 2, फरीदाबाद(हरियाणा) स्थित ऑफिस पर दबिश देकर यह कार्रवाई की गई है। क्राईम टीम द्वारा दोनों संचालकों को पकड़कर उनसे प्रकरण के संबंध मे पूछताछ करने पर उनके द्वारा ठगी करना स्वीकार किया गया। पकड़े गये दोनों व्यक्तियों ने पूछताछ में बताया कि हम लोग फर्जी लकी ड्रॉ निकाल कर लोगों से ठगी करते थे। क्राईम ब्रांच की टीम द्वारा उनके ऑफिस की तलाशी लेने पर वहां से मिले लेपटॉप, फोन, सिमकार्ड, नोट बुक, इंटरनेट डोगल को भी जप्त किया गया। उक्त दोनों व्यक्ति वर्ष 2018 से यह ठगी का धंधा कर रहे थे।
लोन देने की आड़ मे संचालित किया जा रहा फर्जी कॉल सेंटर
इनके द्वारा कॉल सेंटर पर काम करने वाली लड़कियों के जरिये लॉटरी में टीवी, फ्रिज, एसी, कार आदि निकलने के नाम पर लोगों को कॉल करवाया जाता था तथा उनसे ईनाम घर भिजवाने के नाम पर रूपये ट्रांसफर करवाये जाते थे। क्राईम ब्रांच की टीम द्वारा की गई पूछताछ एक ओर ठगी के प्रकरण का भी खुलासा हुआ है साथ ही पकड़े गये व्यक्तियों के ऑफिस से मिले दस्तावेजों की जांच पर से यह भी ज्ञात हुआ कि इनके द्वारा देशभर में हजारों लोेगों से लॉटरी लगने के नाम पर करोड़ों की ठगी की गई है। उक्त दोनो आरोपियों द्वारा डायरेक्ट सेविंग एजेंट बनकर लोन देने की आड़ में फर्जी कॉल सेंटर संचालित किया जा रहा था। आरोपीगणों द्वारा ठगी करने के लिये फर्जी सिम, फर्जी बैैंक खातों का प्रयोग किया जाता था।
आरोपीगण ड्रॉ निकालने के नाम पर करते थे ठगी
ज्ञात हो कि वर्ष 2019 मे महिला की शिकायत पर से थाना क्राइम ब्रांच में अज्ञात आरोपियों के विरूद्ध अपराध क्रमांक 168/2019 धारा 420 भादवि का प्रकरण पंजीबद्ध किया जाकर विवेचना में लिया गया था। आरोपीगणों द्वारा एक फर्जी शॉपिंग वेबसाईट बनाई गई थी। जिस पर शॉपिंग करने वाले व्यक्तियों का लकी ड्रॉ मे उपहार निकलने के नाम पर लोगों से कई तरह के शुल्क के रूप में राशि लेकर ठगी करते थे बाद में फोन उठाना बंद कर देते थे। आरोपिगणों द्वारा मोटी रकम की ठगी की जाती थी। फरियादिया के साथ आरोपीगणों द्वारा 4 लाख 50 हजार रूपये की ठगी की गई थी।