सतना। मध्य प्रदेश के सतना पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए नशीली दवाओं के तस्कर शैलेन्द्र सिंह राजवात को गिरफ्तार किया है। शैलेन्द्र सिंह प्रदेश के राज्यमंत्री प्रतिमा बागरी के बहनोई हैं और उन पर करोड़ों रुपये की नशीली दवाओं की तस्करी करने का आरोप है।
पुलिस ने इस मामले में व्यापक छापेमारी की और बड़ी मात्रा में नशीली दवाएं बरामद कीं। आरोप है कि मंत्री प्रतिमा बागरी ने अपने बहनोई को संरक्षण प्रदान किया था, जिससे उन्हें अवैध गतिविधियों को जारी रखने की स्वतंत्रता मिली। गिरफ्तारी के बाद सतना पुलिस और प्रशासन पर आरोप लगाया जा रहा है कि वे तस्कर के प्रभाव और दबाव के कारण कार्रवाई में ढिलाई कर सकते हैं। यह भी दावा किया जा रहा है कि मंत्री और उनके परिवार के प्रभाव के चलते पुलिस की कार्रवाई पर प्रश्न उठ सकते हैं।
इस मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने सतना में नशीली दवाओं की तस्करी पर कड़ी निगरानी और सख्त कार्रवाई की आश्वस्ति दी है। मामले की जांच जारी है। पुलिस की इस बड़ी कार्रवाई से प्रदेश की नशीली दवाओं की तस्करी से जुड़े मामलों में नए खुलासे हो सकते हैं।
मध्य प्रदेश में कोरेक्स सिरप का नशे का जाल: प्रशासन की नाकामी और लगातार पकड़ने का दिखावा
आपको बतादें कि विंध्य इलाके के रीवा, सतना, मैहर और कटनी जिलों में कोरेक्स सिरप के नशे का जाल तेजी से फैल रहा है। यह समस्या विशेष रूप से बच्चों और युवाओं के बीच गंभीर रूप ले रही है, लेकिन प्रशासनिक कार्रवाई में निरंतरता की कमी और दोषी लोगों के खिलाफ वास्तविक कदम उठाने में नाकामी साफ दिखाई दे रही है। कोरेक्स सिरप की खुलेआम बिक्री और इसके नशे के प्रति बढ़ती प्रवृत्ति प्रशासन के लिए गंभीर चिंता का विषय बन चुकी है। चौराहों पर नशे की दुकानें और कोरेक्स सिरप की अनियंत्रित बिक्री एक सामान्य दृश्य बन चुका है, लेकिन पुलिस प्रशासन इसे रोकने में असफल दिख रहा है।
स्थानीय रिपोर्ट्स के अनुसार, पुलिस हर बार किसी एक दोषी को पकड़कर पीठ थपथपाने की कोशिश करती है, लेकिन यह समस्याओं का स्थायी समाधान नहीं है। प्रशासन के असफल प्रयासों के बीच कभी-कभी किसी बड़े नेता के करीबी या युवा संगठन के पदाधिकारी को कोरेक्स मामले में पकड़ लिया जाता है। इस तरह की घटनाएं मीडिया की सुर्खियां बन जाती हैं, लेकिन इसके बावजूद नशे की समस्या की जड़ें ठीक से उखाड़ी नहीं जातीं। इस मुद्दे को गंभीरता से लें और न केवल दोषियों को पकड़ें बल्कि इस प्रवृत्ति की रोकथाम के लिए ठोस उपाय करें।