मुंबई। कंगना रनोट का दतर तोड़े जाने पर महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शुक्रवार को राज्य सरकार पर निशाना साधा। फडणवीस ने कहा कहा कि दाऊद इब्राहिम का घर नहीं तोड़ा जाता, जबकि कंगना का घर तोड़ दिया जा रहा है। राकांपा के चीफ शरद पवार ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार का कंगना के खिलाफ की गई कार्रवाई से कुछ लेना-देना नहीं है।
उधर, केंद्रीय मंत्री और आरपीआई के चीफ रामदास आठवले ने महाराष्ट्र के गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात की है। आठवले ने राज्यपाल से मुआवजे की मांग की है। 9 तारीख को कंगना मुंबई आई थीं। इसी दिन बीएमसी ने कंगना के ऑफिस के कथित अवैध निर्माण को गिरा दिया था। उनका यह ऑफिस बांद्रा के पाली हिल इलाके में है। इसे 48 करोड़ रुपए खर्च कर बनवाया था। इस कार्रवाई पर अब हाईकोर्ट में सुनवाई हो रही है।
इस बीच कंगना से एक और विवाद जुड़ गया है। सीधे तौर पर तो नहीं पर यह विवाद मीडिया की कवरेज को लेकर है। कंगना 9 तारीख को इंडिगो की लाइट से चंडीगढ़ से मुंबई आई थीं। इस दौरान लाइट में ही मीडिया ने फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी की। इस पर डीजीसीए ने इंडिगो से जवाब मांगा है।
मंत्री ने कहा- कंगना ने मुंबई का अपमान किया
महाराष्ट्र के मंत्री और राकांपा नेता जयंत पाटील ने कंगना के बयानों को पब्लिसिटी स्टंट करार दिया है। उन्होंने कहा कि कंगना ने महाराष्ट्र और मुंबई के लिए अपशब्दों का इस्तेमाल करके मुंबई का अपमान किया है। शुक्रवार को शिवसेना के मुख्यपत्र सामना में एक लेख प्रकाशित हुआ है, जिसमें जयंत पाटिल ने एक्ट्रेस का नाम लिए बिना निशाना साधा। एक्ट्रेस का चार दिन में शिवसेना पर तीसरा बड़ा बयान है। इससे पहले उन्होंने कहा था कि शिवसेना सोनियासेना बन गई है। फिर 9 सितंबर को कहा था कि उद्धव ठाकरे! आज मेरा घर टूटा है, कल तेरा घमंड टूटेगा, यह वक्त का पहिया है, याद रखना।