भोपाल: मध्य प्रदेश में ऊर्जा विभाग ने बिजली के बड़े बकायादारों की सूची जारी की है, जिसमें कई प्रमुख नेताओं, पूर्व विधायकों, मंत्रियों और अफसरों के नाम शामिल हैं। इस सूची में पूर्व मंत्री राजवर्धन सिंह दत्तीगांव, रामपाल सिंह, आईपीएस, आईएएस अधिकारी, और अन्य प्रतिष्ठित व्यक्तियों के नाम शामिल हैं, जिन पर लाखों रुपए का बिजली बिल बकाया है। इस सूची से यह स्पष्ट हो गया है कि जहां आम नागरिकों के बिजली बिल न चुकाने पर तुरंत कार्रवाई की जाती है, वहीं राजनीतिक और प्रशासनिक जगत की हस्तियों के खिलाफ देरी से कार्रवाई की जा रही है।
दत्तीगांव पर सबसे अधिक बकाया
सूची के अनुसार, पूर्व मंत्री राजवर्धन सिंह दत्तीगांव पर सबसे अधिक 1.20 लाख रुपए का बिजली बिल बकाया है। यह राशि अभी तक जमा नहीं की गई है। मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी (MPMKVVCL) द्वारा जारी इस सूची में अन्य अधिकारियों और नेताओं के नाम भी सामने आए हैं, जिनके बंगलों पर लाखों रुपए के बिजली बिल लंबित हैं। कंपनी के मुताबिक, अधिकांश बकाया सरकारी बंगलों से संबंधित हैं, जिनका भुगतान पीडब्ल्यूडी (लोक निर्माण विभाग) द्वारा किया जाता है।
मंत्रियों के नाम भी सूची में
मध्य प्रदेश सरकार के दो मौजूदा मंत्रियों के बंगलों पर भी बिजली का बकाया है। इसमें मंत्री धर्मेंद्र सिंह लोधी के 74 बंगले स्थित बी-10 पर 28,714 रुपए और मंत्री कृष्णा गौर के बंगले बी-6 पर 29,339 रुपए का बकाया है। हालांकि, बिजली कंपनी के अधिकारियों ने बताया कि चूंकि ये सरकारी बंगले हैं, इसलिए उनका बिल पीडब्ल्यूडी के जरिए जमा किया जाएगा।
सरकारी अफसरों पर भी है बकाया
बकायादारों की सूची में कई आईएएस और आईपीएस अधिकारियों के नाम भी शामिल हैं। इन अधिकारियों के वर्तमान बंगलों पर लाखों रुपए का बिल बकाया है। बिजली विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इन मामलों में भी बिल का भुगतान पीडब्ल्यूडी द्वारा किया जाता है।
रामपाल सिंह का बयान
पूर्व मंत्री **रामपाल सिंह** का नाम भी बकायादारों की सूची में शामिल है, हालांकि उन्होंने कहा कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा, “अगर मेरे नाम पर बिजली का कोई बकाया है, तो मैं जल्द ही बिजली कंपनी से जानकारी लूंगा और बकाया राशि का भुगतान करूंगा।”
ऊर्जा विभाग की कार्रवाई पर सवाल
बिजली विभाग द्वारा आम जनता के बिजली कनेक्शन काटने में तेजी से कार्रवाई की जाती है, जबकि इन प्रमुख हस्तियों पर लंबित बकाया होने के बावजूद कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। बिजली विभाग के अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि सरकारी बंगलों के बिल का भुगतान पीडब्ल्यूडी द्वारा किया जाता है, इसलिए इसमें देरी हो रही है।
बिजली कंपनी के इमामी गेट सर्कल के मैनेजर मयंक अरजरिया* ने बताया कि जिन सरकारी बंगलों में अधिकारी और नेता रह रहे हैं, उनके बिल पीडब्ल्यूडी द्वारा जमा किए जाने हैं। इस कारण से इन बकाया राशि के मामलों में देरी हो रही है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर किसी व्यक्ति ने निजी मीटर नहीं लगवाया है, तो पीडब्ल्यूडी ही उनका भुगतान करेगा।
यह मामला न केवल सरकारी तंत्र की धीमी प्रक्रिया को उजागर करता है, बल्कि बड़े बकायादारों के खिलाफ कार्रवाई में देरी की भी ओर इशारा करता है।