मध्यप्रदेश के आगर मालवा ज़िले के सुसनेर से कांग्रेस MLA Bheru Singh Bapu एक वीडियो के चलते विवादों में घिर गए हैं। इस वीडियो में वह खुद को संघ का सदस्य बताते नजर आ रहे हैं और सोशल मीडिया पोस्ट में संघ के लोगों का स्वागत करते दिख रहे हैं। वीडियो वायरल होते ही प्रदेश की राजनीति में हलचल मच गई है। भाजपा ने इस वीडियो को कांग्रेस की दोहरी नीति का सबूत बताया है जबकि कांग्रेस विधायक ने इसे पूरी तरह गलत बताया है। विधायक भेरूसिंह बापू ने अपनी सफाई में कहा कि वीडियो में कही गई बातें एक सामाजिक बैठक में कही गई थीं और उन्हें तोड़मरोड़ कर पेश किया गया है।
MLA Bheru Singh ने कहा कि यह वीडियो समाज में मौजूद दो गुटों के आपसी टकराव का नतीजा है। उन्होंने आरोप लगाया कि उनके विरोधी गुट ने यह वीडियो जानबूझकर वायरल किया ताकि उनकी छवि को नुकसान पहुंचाया जा सके। विधायक ने साफ कहा कि वह हमेशा कांग्रेस के साथ रहे हैं और ऐसे गंदे राजनीति करने वालों के खिलाफ वे कोर्ट जाएंगे। उन्होंने कहा कि इस तरह की हरकतें करने वाले लोग समाज और राजनीति दोनों को गंदा कर रहे हैं। उनका कहना है कि वीडियो में दिखाई गई बातों को संदर्भ से हटाकर पेश किया गया है और इसका कोई राजनीतिक मतलब नहीं निकाला जाना चाहिए।
भाजपा ने उठाए सवाल तो कांग्रेस ने दी सफाई
वीडियो के सामने आते ही भाजपा ने कांग्रेस पर तीखा हमला किया है। भाजपा नेता हितेश वाजपेयी ने कहा कि कांग्रेस विधायक खुद संघ से जुड़ाव दिखाने पर मजबूर हैं क्योंकि उन्हें पता है कि जनता का समर्थन पाने के लिए संघ की नीतियों और सिद्धांतों का पालन जरूरी है। उन्होंने कांग्रेस नेता जीतू पटवारी का उदाहरण देते हुए कहा कि जब उन्होंने कांग्रेस से दूरी बनाई थी तो चुनाव जीते लेकिन पार्टी में लौटने के बाद हार का सामना करना पड़ा। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने विधायक भेरूसिंह को क्लीन चिट दी और कहा कि वे कांग्रेस के सच्चे सिपाही हैं और हमेशा पार्टी के लिए काम करते आए हैं।
पार्टी में अनुशासन को लेकर बढ़ी सतर्कता
इस पूरे घटनाक्रम ने कांग्रेस के अंदर अनुशासन के मुद्दे को फिर से गरमा दिया है। हाल ही में कांग्रेस ने अपने पूर्व सांसद लक्ष्मण सिंह को अनुशासनहीनता के चलते पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया था। ऐसे में भेरूसिंह बापू का वीडियो सामने आना पार्टी के लिए नई परेशानी बन गया है। हालांकि पार्टी फिलहाल मामले को ज्यादा तूल नहीं देना चाहती और इसे व्यक्तिगत बयान के रूप में देख रही है। लेकिन जिस तरह से लगातार कांग्रेस नेताओं के वीडियो और बयानों से विवाद खड़े हो रहे हैं उससे साफ है कि पार्टी के भीतर अनुशासन बनाए रखना अब बड़ी चुनौती बनता जा रहा है।