नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार 19 नवंबर की सुबह नौ बजे अचानक से राष्ट्र के नाम संबोधन में तीनों विवादित कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान किया था और आज उस ऐलान के क्रियान्वयन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। आज पीएम मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट की बैठक हुई जिसमें सर्वसम्मति से कृषि कानून की वापसी का बिल को मंजूरी मिल गई है। इस बैठक पर हर किसी की निगाहें टिकी थीं कि आगे क्या होगा। तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा से सरकार और किसानों के बीच पिछले 14 महीने से चल रहा टकराव अब जल्द खत्म होने की उम्मीद बन गई है।
आज की बैठक में तीनों कृषि कानूनों को वापस लिए जाने के लिए बनाए गए बिल को मंजूरी दे दी गई है जिसके बाद अब कृषि कानून की वापसी का रास्ता आसान हो गया है। अब आगे की प्रक्रिया में 29 नवंबर से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र में इन कानूनों को वापस लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी और विधिवत यह कानून निरस्त हो जाएगा। पीएमओ में आज सुबह 11 बजे से केंद्रीय कैबिनेट की बैठक शुरू हुई जिसमें कृषि कानूनों को निरस्त करने के बिल पर ये अहम फैसला लिया गया
भारत सरकार ने 29 नवंबर से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र के लिए लोकसभा बुलेटिन में द फार्म लाज रिपील बिल, 2021 को सूचीबद्ध किया गया है और अब संसद के दोनों सदनों से कानूनों की वापसी का विधेयक पारित होने के बाद उस पर राष्ट्रपति अंतिम मुहर लगाएंगे और राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के साथ ही उसे गजट में प्रकाशित किया जाएगा
लोकसभा बुलेटिन के अनुसार द फार्म लाज रिपील बिल, 2021 विधेयक ‘किसान’ उत्पाद व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अधिनियम, 2020, किसान (सशक्तीकरण और संरक्षण) मूल्य आश्वासन समझौता, कृषि सेवा अधिनियम, 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम, 2020 को निरस्त करने के लिए पेश किया जाएगा, जिसके बाद कृषि कानून के निरस्त होने का रास्ता साफ हो जाएगा।