नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा तीन कृषि कानूनों को वापस लेने के फैसले के बाद भी किसान संगठन विरोध प्रदर्शन खत्म करने को राजी नहीं हैं। आगे की रणनीति के लिए संयुक्त किसान मोर्चा बैठक करेगा। इस बीच, खबर है कि प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में 24 नवंबर को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक होने जा रही है। इस बैठक में तीनों कृषि कानूनों का वापस लेने के प्रस्ताव पर चर्चा होगी और अनुमति दी जाएगी। इसके बाद महीने के आखिरी में शुरू होने जा रहे संसद के शीतकालीन सत्र में बिल वापसी की जरूरी कार्रवाई पूरी की जाएगी।
इससे पहले शनिवार को किसान नेता गुरनाम सिंह चाडुनी ने कहा, हम एमएसपी, किसानों के खिलाफ दर्ज मामले और मृतक किसान परिजनों के मुआवजे पर चर्चा करेंगे। किसानों का कहना है कि जब तक सरकार संसद में तीनों कानूनों को रद्द करने की व्यवस्था नहीं करती है, तब तक वे धरना देते रहेंगे। भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष राकेश सिंह टिकैत ने भी यही बात कही। टिकैत के मुताबिक, केवल ऐलान पर कैसे उठ जाएं? सरकार संसद में कानून रद्द करें। साथ ही MSP जैसे अन्य मुद्दों पर बात करें। अच्छा माहौल बनेगा तो हम बात भी करेंगे।
कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) अधिनियम 2020- इससे किसानों को अपनी उपज के लिए वृहद बाजार मिलता। वह कहीं भी फसल बेच सकते।
कृषक (सशक्तिकरण-संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार अधिनियम 2020- इस कानून के तहत किसान निजी क्षेत्र के साथ करार कर अपनी आय बढ़ाने का उपक्रम कर सकते।
आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम 2020- इसके अंतर्गत कृषि के कई उत्पादों को जमा करने की सीमा हटा दी गई थी।
कैसे वापस होंगे कानून: कानून वापसी के संशोधन के लिए कृषि मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा जाएगा। -इसके बाद कृषि मंत्री संसद में इस आशय का बिल पेश करेंगे। बिल पर बहस और वोटिंग होगी।
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