नई दिल्ली। क्रिप्टो करंसी को लेकर मोदी सरकार एक्शन के मूड में है। संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में इसे लेकर सरकार बिल लेकर आ रही है। जिसमें प्राइवेट क्रिप्टो करंसी पर बैन लगाने से लेकर इसके लिए नियम भी बनाए जा सकते हैं। देश में बड़ी संख्या में लोगों ने बिटकॉइन जैसी कई क्रिप्टो करंसी में बड़ी मात्रा में निवेश किया हुआ है। मोदी सरकार के ताजा फैसले का असर क्रिप्टो करंसी में निवेश करने वाले लाखों लोगों पर पड़ सकता है।
संसद का शीतकालीन सत्र 29 नवंबर से शुरू हो रहा है… जिसमें कृषि कानून की वापसी समेत 26 बिल संसद में पेश किए जाएंगे। इनमें क्रिप्टो करंसी के नियमन से जुड़ा बिल भी पेश किया जाएगा। इसे ‘द क्रिप्टो करेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिसियल डिजिटल करेंसी बिल 2021’ (The Cryptocurrency & Regulation of Official Digital Currency Bill, 2021) नाम दिया गया है।
क्रिप्टो करंसी पर इस प्रस्तावित बिल को लेकर लोकसभा बुलेटिन में जानकारी दी गई है। बिल में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) की ओर से सरकारी डिजिटल करेंसी चलाने के लिए फ्रेमवर्क का भी प्रावधान है। बता दें कि आरबीआई ने कुछ समय पहले ही इस बात के संकते दिए थे कि आरबीआई अपनी डिजिटल करंसी लेकर आएगा। इस बिल को उसी दिशा में उठाया जाने वाला कदम बताया जा रहा है।
क्रिप्टो करंसी पर कोई बड़ा फैसला लेने के संकेत पीएम मोदी ने 18 नवंबर को ही दे दिए थे। जब ऑस्ट्रेलिया में आयोजित ‘‘सिडनी संवाद’’ के दौरान उन्होंने क्रिप्टो करंसी या बिटकॉइन को लेकर उदाहरण देते हुए कहा था.. ‘‘ये महत्वपूर्ण है कि सभी लोकतांत्रिक देश साथ काम करें और यह सुनिश्चित करें कि यह गलत हाथों में ना जाए, जो हमारे युवाओं को बर्बाद कर सकता है।