नई दिल्ली। मोदी सरकार ने पोस्ट ऑफिस में काम करने वाले ढाई लाख ग्रामीण डाक सेवकों (GDS) को 31 फीसद महंगाई भत्ता देने का हकदार बना दिया है। अब उन्हें भी दूसरे केंद्रीय कर्मचारियों की तरह हर महीने सैलरी में बढ़ा DA मिलेगा। उनके DA में जुलाई से अब तक 14 फीसद की बढ़ोतरी हुई है। Postal Department ने इसे तत्काल लागू करने को कहा है।
डिपार्टमेंट ऑफ पोस्ट में ADG तरुण मित्तल के मुताबिक Gramin Dak sewak को 1 जुलाई 2021 से DA में 14 फीसद बढ़ोतरी का फायदा मिलेगा। अब उनका DA 17 फीसद से बढ़कर 31 फीसद हो गया है। बता दें कि GDS की सैलरी 10 हजार रुपए से शुरू होकर 14500 रुपए महीने तक होती है। यह काम के घंटों के हिसाब से बनती है। महंगाई की गणना करने वाले एजी ऑफिस ब्रदरहुड के पूर्व अध्यक्ष एचएस तिवारी ने बताया कि GDS पोस्टल विभाग का सबसे ज्यादा डिमांड वाला पद है। डाकघरों में इनकी नियुक्ति डाकिया की तर्ज पर होती है। डिपार्टमेंट ऑफ पोस्ट में इस समय 1.71 लाख कर्मचारी हैं जबकि GDS की संख्या ढाई लाख के करीब है। यह आंकड़ा मार्च 2020 तक का है।
जानकारी के अनुसार एचएस तिवारी ने बताया कि कोरोना के दौरान GDS का भी महंगाई भत्ता नहीं बढ़ा था। लेकिन अब सरकार ने सभी केंद्रीय कर्मचारियों का महंगाई भत्ता बढ़ा दिया है। तो डाकघरों में भी इस बढ़ोतरी को लागू किया जा रहा है। पहले उनका भी DA 17 फीसद से बढ़कर 28 फीसद हुआ था और अब 3 फीसद की बढ़ोतरी और मिली है। एचएस तिवारी ने बताया कि GDS अगर 4 घंटे काम करता है तो उसे शुरुआत में 10 हजार रुपया मिलता है। अगर 5 घंटे काम करता है तो यह रकम 12000 रुपए न्यूनतम हो जाती है। इसके बाद सैलरी में अनुभव के साथ इंक्रीमेंट भी होता है।