नई दिल्ली। मोदी सरकार सरकारी क्षेत्रों में निजीकरण को लेकर तैयारी तेज कर दी है। इसी के तहत सरकार अगले चार साल में सरकारी संपत्ति निजी हाथों में सौंपकर 5 लाख करोड़ रुपए जुटाएगी। खबरों की माने तो सरकार ने 100 एसेट की लिस्ट तैयार कर ली।
हाल ही में एसेट मोनेटाइजेशन को लेकर वर्कशाफप हुआ। जिसमें निवेश और लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग ने मंत्रायलयों और राज्य सरकार से अपील करते हुए इस प्रक्रिय में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार केंद्र ने अगले चार साल में (2025 तक) निजीकरण के जरिए 5 लाख करोड़ रुपए का फंड इकट्ठा करने की योजना बनाई है। इसके लिए नीति आयोग ने 100 महत्वपूर्ण सरकारी संपत्ति की पहचान भी कर ली है।
कोरोना के कारण देश की अर्थव्यवस्था मंदी के दौर में चली गई। सरकार की कमाई को भारी चोट पहुंची है। इसके इसके बावजूद सरकार अपने लक्ष्य से पीछे नहीं हटी है। वहीं अब सरकार निजीकरण के जरिए 5 लाख करोड़ रुपए के लक्ष्य को पाने की तैयारी कर रही है। मोदी सरकार जिन संपत्तियों को निजी हाथों में सौंपने जा रही हैं उनमें सरकारी संपत्तियों में टोल रोड, पोर्ट, क्रूज टर्मिनल, टेलिकॉम इन्फ्रास्ट्रक्चर, ऑयल एंड गैस पाइपलाइन, ट्रांसमिशन टॉवर, रेलवे स्टेशन, स्पोर्ट्स स्टेडियम, माउंटेन रेलवे, ऑपरेशनल मेट्रो सेक्शन, वेयरहाउसेस और कॉमर्शियल कॉम्प्लेक्स शामिल हैं।