भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार नाबालिग दुष्कर्म पीड़िताओं और उनके बच्चों के पुनर्वास एवं कल्याण के लिए एक नई योजना शुरू करने की तैयारी कर रही है। यह योजना मंगलवार को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में होने वाली कैबिनेट बैठक में मंजूरी के लिए पेश की जाएगी।
इस योजना का उद्देश्य दुष्कर्म पीड़िताओं से जन्मे बच्चों को एक ही स्थान पर सभी आवश्यक सुविधाएं प्रदान करना है, जिसमें स्वास्थ्य देखभाल, परवरिश, शिक्षा, पुलिस सहायता और काउंसलिंग शामिल हैं। यह कदम पीड़िताओं और उनके बच्चों के समग्र पुनर्वास के लिए एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है।
निर्भया फंड से होगी कार्यान्वयन
यह योजना केंद्र सरकार के निर्देशों के अनुसार तैयार की गई है, जिसमें पिछले साल प्रोटेक्शन फॉर चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंस (पॉक्सो) एक्ट के तहत “विक्टिम केयर एंड सपोर्ट स्कीम” बनाने की सिफारिश की गई थी। योजना का संचालन निर्भया फंड से किया जाएगा, और केंद्र सरकार से भी वित्तीय सहायता प्राप्त होगी। इस योजना के अंतर्गत, दुष्कर्म पीड़िताओं के बच्चों को 18 साल की उम्र तक स्वास्थ्य सेवाएं और शिक्षा के साधन उपलब्ध कराए जाएंगे, ताकि उनका उचित विकास और देखभाल सुनिश्चित हो सके।
नई योजना में संभावित प्रावधान
– विशिष्ट चाइल्ड केयर यूनिट: बच्चों के लिए एक समर्पित चाइल्ड केयर यूनिट की स्थापना की जाएगी, जहां उनकी देखभाल सुनिश्चित की जाएगी।
– मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं: पीड़िताओं के मानसिक आघात से उबरने में मदद के लिए काउंसलिंग और अन्य मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जाएंगी।
– शिक्षा और व्यावसायिक प्रशिक्षण: पीड़िताओं की पढ़ाई में रुकावट न हो, इसके लिए विशेष ध्यान दिया जाएगा, और यदि वे व्यावसायिक प्रशिक्षण लेना चाहें, तो सहायता की जाएगी।
– स्वास्थ्य बीमा कवर:नवजात शिशुओं को पीएम-जेएवाई (प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना) के तहत प्रति वर्ष 5 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा कवर प्रदान किया जाएगा।
– मिशन वात्सल्य: संस्थागत और गैर-संस्थागत देखभाल के लिए मिशन वात्सल्य के तहत प्रति वर्ष 25 लाख रुपये का प्रावधान किया जाएगा।
– आर्थिक सहायता: बच्चों को 23 वर्ष की उम्र तक या रोजगार मिलने तक प्रति बच्चा 4,000 रुपये की आर्थिक मदद दी जाएगी, जिससे उनकी शिक्षा और जीवनयापन की आवश्यकताएं पूरी हो सकें।