भोपाल। 12 मार्च, बुधवार को विधानसभा में मोहन सरकार का दूसरा बजट पेश किया जाएगा। यह बजट मोदी सरकार के बजट से प्रेरित होगा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “ज्ञान मंत्र” पर आधारित रहेगा, जिसमें मुख्य ध्यान गरीब, युवा, किसान और महिला पर होगा।
इसके लिए चार प्रमुख मिशन लागू किए गए हैं, और अब बजट में पहले से चल रही योजनाओं के लिए प्रावधान किए जाएंगे। किसानों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से कृषक उन्नति योजना की घोषणा हो सकती है, जिसमें गेहूं, धान और श्रीअन्न के उत्पादन पर प्रोत्साहन दिया जाएगा।
2025-26 में एक लाख पदों पर भर्तियां
युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए अगले दो वर्षों में ढाई लाख सरकारी पदों पर भर्ती के लिए रोडमैप प्रस्तुत किया जा सकता है। 2025-26 में राज्य लोक सेवा आयोग और कर्मचारी चयन मंडल के माध्यम से एक लाख पदों पर प्रतियोगी परीक्षाओं के जरिए भर्ती की जाएगी।
मध्य प्रदेश की अर्थव्यवस्था कृषि और उससे जुड़ी गतिविधियों पर निर्भर है। राज्य में एक करोड़ से अधिक कृषक खातेदार हैं, जिनमें 67 प्रतिशत लघु और सीमांत किसान हैं। किसानों को उचित मूल्य दिलाने के लिए भारत सरकार द्वारा घोषित समर्थन मूल्य के अलावा प्रोत्साहन राशि देने का निर्णय लिया गया है।
इसका प्रावधान कृषक उन्नति योजना के तहत किया जाएगा, जिसे कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। कृषि बजट में इसके प्रवधान किए जाएंगे। उत्पादन वृद्धि के लिए सिंचाई क्षमता का विस्तार सरकार की प्राथमिकता है। इसके तहत केन-बेतवा और पार्वती-कालीसिंध-चंबल नदी जोड़ो परियोजनाओं के लिए राज्यांश बढ़ाया जाएगा। इन परियोजनाओं का 90 प्रतिशत खर्च केंद्र सरकार वहन करेगी।
सिंचाई क्षमता को 50 लाख हेक्टेयर से बढ़ाकर 100 लाख हेक्टेयर तक पहुंचाने के लिए जल संसाधन और नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के विभिन्न योजनाओं के लिए बजट में बढ़ोतरी की जाएगी।
अधोसंरचना विकास पर जोर
सरकार इस बार भी अधोसंरचना विकास पर जोर देगी, जैसा कि पिछले वर्षों में देखा गया है। औद्योगिकीकरण को बढ़ावा देने के लिए नए औद्योगिक केंद्र विकसित किए जाएंगे, और सड़क, बिजली, और पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी।
नगरीय क्षेत्रों में डेढ़ हजार किलोमीटर सड़कों का निर्माण किया जाएगा, और लोक निर्माण विभाग उन सड़कों को प्राथमिकता से बनाएगा, जो पहले से स्वीकृत हैं। भोपाल, इंदौर, जबलपुर, और ग्वालियर में एलिवेटेड कॉरिडोर के निर्माण के लिए बजट आवंटित किया जाएगा। विभाग को दस हजार करोड़ रुपये से अधिक का बजट मिल सकता है।
स्कूल और कॉलेजों के लिए भी बजट बढ़ाया जाएगा, ताकि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए आवश्यक संसाधनों की पूर्ति की जा सके।
आवास के लिए पांच हजार करोड़ रुपये
सूत्रों के अनुसार, अगले तीन वर्षों में शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में 30 लाख से अधिक आवास बनाए जाएंगे। इसके लिए नगरीय विकास एवं आवास और पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को बजट उपलब्ध कराया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि शहरी क्षेत्रों में अगले तीन वर्षों में 10 लाख और ग्रामीण क्षेत्रों में 20 लाख आवास बनाए जाने का लक्ष्य रखा गया है, जिसके लिए पांच हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया जा सकता है।