भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार ने विधानसभा में जन विश्वास (उपबंधों का संशोधन) विधेयक-2024 पेश किया है। इस विधेयक का मुख्य उद्देश्य आम जनता और उद्यमियों के लिए जीवन और व्यवसाय को सरल बनाना है। सरकार का मानना है कि न्याय की प्रक्रिया इतनी सरल होनी चाहिए कि नागरिक और व्यापारी बिना किसी अड़चन के अपने कार्यों को अंजाम दे सकें। मुख्यमंत्री डॉ. यादव का कहना है कि इससे न केवल शासन में पारदर्शिता आएगी, बल्कि प्रदेश में निवेश और रोजगार के अवसरों में भी तेजी से वृद्धि होगी। उनका यह भी कहना था कि इस विधेयक से राज्य में विकास और सुशासन का नया अध्याय शुरू होगा।
सीएम मोहन यादव ने बताया कि जन विश्वास विधेयक केंद्र सरकार के जन विश्वास अधिनियम, 2023से प्रेरित है, जिसने राष्ट्रीय स्तर पर 42 केंद्रीय अधिनियमों के 183 प्रावधानों को अपराध-मुक्त किया। इसके तहत छोटे अपराधों को गैर-अपराधीकरण करते हुए, दंड प्रणाली को तर्कसंगत बनाया गया और नागरिकों-उद्यमियों के लिए काम करने में आने वाली अड़चनों को दूर किया गया। मुख्यमंत्री ने इसे राज्य की *ईज ऑफ डूइंग बिजनेस और ईज ऑफ लिविंग रैंकिंग को मजबूत करने की दिशा में एक ठोस कदम बताया। उनके अनुसार, यह विधेयक मध्य प्रदेश में शासन और विकास का नया युग शुरू करेगा, जिससे निवेश और रोजगार के अवसरों में बढ़ोतरी होगी।
सरकार ने विधेयक में कई महत्वपूर्ण सुधार किए हैं। इसके अंतर्गत छोटे अपराधों के लिए पुलिस अब आरोपी को जेल नहीं भेजेगी, बल्कि उस पर जुर्माना लगाएगी। पुराने और जटिल कानूनों को हटाकर कानूनी ढांचे को समय के साथ बेहतर किया गया है। इससे नागरिकों और उद्यमियों को यह भरोसा मिलेगा कि सरकार उनके पक्ष में है और उनके काम को सरल बनाने का प्रयास कर रही है। सरकार ने 920 पुराने और अप्रासंगिक कानूनों को समाप्त किया है, जिससे कानूनी प्रक्रिया तेज और सरल हो गई है। स्टार्ट-अप्स को बढ़ावा देने के लिए नई योजनाएं लागू की गई हैं, जिसके कारण युवाओं और महिलाओं के स्टार्ट-अप्स में अभूतपूर्व वृद्धि देखी गई है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव का मानना है कि यह विधेयक केवल एक कानूनी बदलाव नहीं है, बल्कि यह जनता और सरकार के बीच भरोसे का एक मजबूत पुल स्थापित करता है। जब कानून सरल होंगे और अनुपालन में कोई कठिनाई नहीं होगी, तो निवेश भी बढ़ेगा और रोजगार के नए अवसर उत्पन्न होंगे। यह कदम मध्य प्रदेश को विकास की नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में मदद करेगा। सरकार का उद्देश्य राज्य में शासन और विकास का एक नया मॉडल पेश करना है, जो हर वर्ग के लिए लाभकारी होगा।
विधेयक में राज्य के 5 प्रमुख विभागों (औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन, ऊर्जा, सहकारिता, श्रम, नगरीय विकास एवं आवास) के 8 अधिनियमों में 64 धाराओं में संशोधन किया गया है। इसमें कारावास को जुर्माने में बदलने, दंड को शास्ति में परिवर्तित करने और शमन (कंपाउंडिंग) प्रावधान जोड़ने जैसे सुधार शामिल हैं। इसके साथ ही, 920 अप्रचलित अधिनियमों को समाप्त किया गया। इससे व्यावसायिक क्षेत्र में काम करना सरल और त्वरित होगा। महिला नेतृत्व वाले स्टार्ट-अप्स में 157% और कुल स्टार्ट-अप्स में 125% वृद्धि हुई है। जीआईएस आधारित भूमि आवंटन प्रणाली और संपदा 2.0 जैसी पहलों से प्रक्रिया और भी सुगम बनी है।
विधेयक के लागू होने से छोटे अपराधों का गैर-अपराधीकरण होगा, जिससे न्यायपालिका का बोझ कम होगा। साथ ही, अनुपातिक और प्रभावी दंड व्यवस्था लागू होगी, जिससे व्यवसायों के लिए अनुकूल वातावरण बनेगा और उद्यमशीलता को प्रोत्साहन मिलेगा।