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Tuesday, November 12, 2024

कर्ज के दलदल में डूब रही मोहन सरकार? फिर ले रही 5000 करोड़ का कर्ज

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भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार एक बार फिर से 5 हजार करोड़ रुपये का कर्ज लेने की तैयारी में है। यह कर्ज 8 अक्टूबर को लिया जाएगा, जो कि महज 15 दिन के भीतर दूसरी बार है। हाल ही में 24 सितंबर को भी राज्य सरकार ने 5 हजार करोड़ का कर्ज लिया था, जिससे स्पष्ट है कि वित्तीय वर्ष में कर्ज लेने का यह सिलसिला तेजी से बढ़ रहा है। इस बार कर्ज 2500-2500 करोड़ रुपये की दो किश्तों में लिया जाएगा। पहला कर्ज 11 साल की अवधि में चुकाना है, जिसमें सरकार को ब्याज सहित अक्टूबर 2035 तक चुकाने होंगे। वहीं, दूसरे कर्ज का भुगतान अक्टूबर 2043 में करना होगा। इस कर्ज के बाद मौजूदा वित्तीय वर्ष में राज्य सरकार पर कुल 20 हजार करोड़ रुपये का ऋण हो जाएगा, जिससे कुल कर्ज 3 लाख 95 हजार करोड़ रुपये के पार पहुंच जाएगा।

इस साल अगस्त में सरकार ने पहले ही 2500-2500 करोड़ रुपये के चार कर्ज लिए थे। 6 अगस्त को दो कर्ज और 27 अगस्त को दो कर्ज लिए गए थे, जिनकी चुकौती अवधि क्रमशः 11, 21, 14 और 21 साल की है। इसी प्रकार सितंबर में भी 24 तारीख को दो कर्ज लिए गए थे।

राज्य सरकार का कहना है कि ये कर्ज योजनाबद्ध विकास कार्यों के लिए आवश्यक हैं, जबकि विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के बढ़ते कर्ज से वित्तीय स्थिरता पर खतरा उत्पन्न हो सकता है। यदि राज्य सरकार कर्ज के इस स्तर पर नहीं रुकी, तो भविष्य में इसके चुकाने में समस्याएँ आ सकती हैं।

वहीं, कर्ज के बढ़ते बोझ को लेकर विपक्षी दल लगातार हमला बोल रहे हैं। उनका आरोप है कि सरकार वित्तीय अनुशासन का पालन नहीं कर रही है और विकास के नाम पर कर्ज लेकर भविष्य की पीढ़ियों को संकट में डाल रही है। दूसरी ओर डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा का कहना है कि यह कर्ज प्रदेश के विकास के लिए लिया जा रहा है, और कांग्रेस द्वारा लिए गए कर्ज के विपरीत उनकी सरकार वित्तीय जिम्मेदारी का पालन कर रही है।

 

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