भोपाल। मध्य प्रदेश में मोहन सरकार के गठन को 9 माह से ज्यादा का वक्त बीत चुका है, लेकिन अभी तक जिलों के प्रभारी मंत्रियों का ऐलान नहीं हो पाया है। जबकि मध्य प्रदेश सरकार के जरिये दावा किया गया था कि 15 अगस्त से पहले मंत्रियों को जिले का प्रभार दे दिया जाएगा, लेकिन अब 15 अगस्त में महज 3 दिन ही शेष बचे हैं और प्रभारी मंत्री नहीं बन सके। इसके पीछे का कारण बताया जा रहा है कि कई नेताओं ने अपने मनचाहे जिले मुख्यमंत्री से मांगे हैं, जिसके कारण प्रभार के जिले वितरित करने में कुछ समस्याएं आ रही हैं।
इस बीच यह बात भी निकलकर सामने आई है कि मुख्यमंत्री चाहते हैं कि मंत्रियों को जिले का प्रभार उनके निर्वाचन के पास का जिला मिले… जिससे वो अपनी विधानसभा में भी ज्यादा से ज्यादा समय दे सकें। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव चाहते हैं कि मंत्रियों को जब प्रभार मिले, तो वह अपने प्रभार वाले जिले में हफ्ते में कम से कम दो दिन वक्त बिताए और वहां के न सिर्फ अधिकारी कर्मचारियों के साथ बैठक कर विकास कार्यों की समीक्षा करें, बल्कि उन संबंधित जिलों के भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ भी बैठक करें। जिससे उनकी शिकायतों का निराकरण किया जा सके। क्योंकि भाजपा में इस बात की शिकायत काफी है कि जिस मंत्री को प्रभारी बनाया जाता है, वो कार्यकर्ताओं को पहचानते नहीं हैं और इसी लिए वो काम भी नहीं करते हैं। कई ऐसी बातें हैं, जिसके कारण मंत्रियों को उनके प्रभार का जिला नहीं मिल पाया है।
हाल ही में दिल्ली में केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर सीएम मोहन यादव ने मंत्रियों के प्रभार वाले जिलों पर चर्चा की थी, जिसमें वहां से अनुमति मिल गई थी… लेकिन काम आगे नहीं बढ़ पाया है। सीएम यादव ने भी कहा था कि 15 अगस्त से पहले सभी मंत्रियों को प्रभार वाले जिले मिल जाएंगे और वो अपने प्रभार वाले जिलों में ही तिरंगा फहराएंगे।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव सहित 32 मंत्री
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव के अलावा, उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा, उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल, कैबिनेट मंत्री कुंवर विजय शाह, कैलाश विजयवर्गीय, प्रहलाद पटेल, राकेश सिंह, करण सिंह वर्मा, उदय प्रताप सिंह, संपतिया उइके, तुलसी सिलावट, रामनिवास रावत, एदल सिंह कंषाना, निर्मला भूरिया, गोविन्द सिंह राजपूत, विश्वास कैलाश सारंग, नारायण सिंह कुशवाह, नागर सिंह चौहान, प्रद्युम्न सिंह तोमर, राकेश शुक्ला, चैतन्य कुमार काश्यप, इंदर सिंह परमार इसके अलावा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कृष्णा गौर, धर्मेंन्द्र सिंह लोधी, दिलीप जायसवाल, गौतम टेटवाल, लखन पटेल, नारायण सिंह पंवार साथ ही राज्य मंत्री नरेन्द्र शिवाजी पटेल, प्रतिमा बागरी, दिलीप अहिरवार, राधा सिंह शामिल हैं।