भोपाल। नकल माफियाओं पर लगाम लगाने के लिए मध्य प्रदेश की मोहन सरकार तैयारियों में जुटी हुई है। दरअसल राज्य सरकार सामूहिक नकल करने वालों, पेपर लीक करने वालों की सजा बढ़ाने जा रही है। सजा बढ़ाने के लिए सरकार मध्य प्रदेश मान्यता प्राप्त परीक्षा अधिनियम में जरूरी संसोधन करने जा रही है। यह कानून 1937 में बना था।
पेपर लीक करने पर हो सकती ये सजा
पेपर लीक करने के मामले में दी जाने वाली सजा में बदलाव करने की बात चल रही है। यानी अगर किसी ने पेपर लीक किया तो उसे आजीवन कैद तक की सजा दी जा सकती है। साथ ही जुर्माने के तौर पर एक करोड़ रुपए तक का भुगतान करना पड़ सकता है।
कहां तक पहुंचा काम
1937 में बने परीक्षा कानून, मध्य प्रदेश मान्यता प्राप्त परीक्षा अधिनियम में जरूरी संसोधन पर बात चल रही है। संशोधित कानून का ड्राफ्ट तैयार हो गया है। इसे विधि विभाग और कैबिनेट की मंजूरी मिलनी बाकी है। इसके बाद विधानसभा से पारित कराके लागू कर दिया जाएगा।
लीक होने और घोटाले रोकने में मदद की आशंका
ऐसा होने से इसके दायरे में एमपी बोर्ड, एमपीपीएससी और कर्मचारी चयन मंडल की सभी परीक्षाएं आ जाएंगी। बीते सालों में एमपी में परीक्षाओं से जुड़े कई तरह के घोटाले और लीक होने की घटनाएं सामने आई थीं। इसके सख्ती से लागू होने से इनमें लगाम लगने में सहायता मिलेगी।