22.7 C
Bhopal
Friday, September 20, 2024

बुरें फंसे मोहन सरकार के मंत्री गोविंद सिंह, SIT करेगी मामले की जांच

Must read

दिल्ली। मध्य प्रदेश की मोहन सरकार के कैबिनेट मंत्री गोविंद सिंह राजपूत को सुप्रिम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। सागर जिले के ओबीसी नेता मान सिंह पटेल के लापता होने की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश के डीजीपी को एक विशेष जांच दल (SIT) बनाने का आदेश दिया है। यह एसआईटी प्रदेश सरकार के मंत्री गोविंद सिंह राजपूत और उनके करीबियों की भूमिका की जांच करेगी। सुप्रीम कोर्ट ने एसआईटी में आईपीएस अफसर को रखने के भी निर्देश दिए है। एसआईटी का नेतृत्व पुलिस महानिरीक्षक रैंक के अधिकारी द्वारा किया जाना चाहिए। एसआईटी में एक एसपी रैंक का अधिकारी और एक अतिरिक्त एसपी रैंक का अधिकारी सदस्य होना चाहिए। तीनों अधिकारी एमपी कैडर के सीधे आईपीएस अधिकारी होने चाहिए, लेकिन उनका मूल राज्य से बाहर का होना चाहिए। एसआईटी को चार महीने के भीतर सुप्रीम कोर्ट को रिपोर्ट देनी है।
सुप्रीम कोर्ट ने सागर के मानसिंह पटेल नाम के शख्स की रहस्यमय गुमशुदगी की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (SIT) के गठन का आदेश दिया है। यह मामला उस समय सुर्खियों में आया जब मानसिंह के बेटे सीताराम पटेल ने मध्य प्रदेश के मंत्री गोविंद सिंह राजपूत पर अपने पिता की गुमशुदगी और उनकी पुश्तैनी जमीन को अवैध तरीके से कब्जाने का आरोप लगाया था। मानसिंह पटेल की जमीन सागर जिले में थी, आरोप है कि मौजूदा राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत उस पर काबिज हैं। गोविंद सिंह राजपूत जब जमीन पर कब्जा कर रहे थे, तब मानसिंह पटेल ने 2016 में सिटी मजिस्ट्रेट, रेवेन्यू डिपार्टमेंट और संबंधित थाने में नामजद शिकायत की थी। तब पटेल ने यह आशंका भी जताई थी कि उसकी जान को मंत्री गोविंद राजपूत से खतरा है। इसके बाद से मान सिंह पटेल साल 2016 में लापता हैं। सीताराम ने आरोप लगाया कि उनके पिता की गुमशुदगी संभवतः उन्हें चुप कराने और उस मूल्यवान संपत्ति पर कब्जा करने के लिए की गई साजिश का परिणाम है। स्थानीय प्रशासन और सीएम हेल्पलाइन को कई बार शिकायत करने के बावजूद, मानसिंह पटेल का पता लगाने के लिए कोई ठोस पुलिस कार्रवाई नहीं की गई, जिससे परिवार निराश हो गया था।
जिसके बाद OBC महासभा इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट गया, एक रिट याचिका के जवाब में सुप्रीम कोर्ट ने आरोपों की गंभीरता और इसमें शामिल राजनीतिक प्रभाव वाले व्यक्तियों की भूमिका को देखते हुए इस मामले को संज्ञान में लिया। याचिका में ये आरोप लगाया गया कि उन्हें अवैध रूप से रखा गया है और मंत्री गोविंद सिंह राजपूत समेत अन्य लोगों ने उनके खिलाफ साजिश रची है। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने स्थानीय पुलिस द्वारा की जा रही जांच में प्रगति की कमी पर चिंता व्यक्त की और सागर जिले के एसपी को मामले में क्रमवार घटनाओं का विवरण प्रस्तुत करने के लिए एक विस्तृत हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया। एससी ने नोट किया कि आरोपों की गंभीर प्रकृति के बावजूद, स्थानीय पुलिस स्वतंत्र, निष्पक्ष और गहन जांच करने में विफल रही है और प्रारंभिक SIT की संरचना की आलोचना की, जिसे अपर्याप्त माना गया था। न्यायालय ने कहा कि याचिकाकर्ता ने तो केवल लापता व्यक्ति के गायब होने के आरोपों की निष्पक्ष जांच की मांग की है और वो भी नहीं हो पाई।
अब सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश के पुलिस महानिदेशक को राज्य के बाहर से वरिष्ठ भारतीय पुलिस सेवा (IPS) अधिकारियों की एक नई SIT गठित करने का निर्देश दिए है।  SIT को मनसिंह पटेल की गुमशुदगी की पुनः जांच करने का आदेश दिया गया, जिसमें ये निर्देश शामिल हैं। बहरहाल सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश ने पटेल परिवार के लिए एक नई आशा की किरण ला दी है, जो पिछले सात वर्षों से न्याय की मांग कर रहा है।

More articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest News

error: Content is protected !!