भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार एक बार फिर 6,000 करोड़ रुपये का कर्ज लेने की योजना बना रही है, जिससे राज्य की आर्थिक स्थिति और सरकारी खर्चों को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है। यह कर्ज 19 मार्च को रंग पंचमी के दिन बाजार से लिया जाएगा, और इसे तीन अलग-अलग किश्तों में लिया जाएगा, जिनकी अवधि 7, 21 और 25 साल होगी।
यह कर्ज लेने का फैसला मध्य प्रदेश सरकार के लिए बजट सत्र के दौरान दूसरा मौका है। इससे पहले 12 मार्च को 6,000 करोड़ रुपये और 4 मार्च को भी इतनी ही राशि का कर्ज लिया गया था।
मार्च 2025 में तीसरी बार लिया जाएगा कर्ज
– 4 मार्च 6,000 करोड़ रुपये (14, 20 और 23 साल की अवधि के लिए)
– 12 मार्च 4,000 करोड़ रुपये (6 और 22 साल की अवधि के लिए)
– 19 मार्च 6,000 करोड़ रुपये (7, 21 और 24 साल की अवधि के लिए)
यह लगातार तीसरी बार होगा जब सरकार ने 15 दिनों के अंदर भारी कर्ज लिया है।
कब-कब लिया गया कर्ज
मध्य प्रदेश सरकार ने हाल के वर्षों में लगातार कर्ज लिया है। 2024 में अब तक लिए गए कर्ज की सूची इस प्रकार है।
– 23 जनवरी 2024 – 2,500 करोड़ रुपये
– 6 फरवरी 2024 – 3,000 करोड़ रुपये
– 27 फरवरी 2024 – दो बार में 5,000-5,000 करोड़ रुपये
– 26 मार्च 2024 – 5,000 करोड़ रुपये
– 6 अगस्त 2024 – 5,000 करोड़ रुपये (दो किश्तों में)
– 27 अगस्त 2024 – 5,000 करोड़ रुपये (14 और 21 साल के लिए)
– 24 सितंबर 2024 – 2,500-2,500 करोड़ रुपये (12 और 19 साल के लिए)
– 8 अक्टूबर 2024 – 5,000 करोड़ रुपये (11 और 19 साल के लिए)
– 26 नवंबर 2024 – स्टॉक गिरवी रखकर 5,000 करोड़ रुपये
– 19 दिसंबर 2024 – 5,000 करोड़ रुपये
– 1 जनवरी 2025 – 5,000 करोड़ रुपये
कुल कर्ज 4.80 लाख करोड़ रुपये के पार
मार्च 2024 तक मध्य प्रदेश सरकार पर कुल कर्ज 3.7 लाख करोड़ रुपये था, लेकिन हाल के महीनों में लगातार कर्ज लेने से यह आंकड़ा 4.80 लाख करोड़ रुपये को पार कर चुका है। यह राशि राज्य के वार्षिक बजट के बराबर हो गई है, जिससे सरकार की वित्तीय स्थिति पर सवाल उठने लगे हैं।
मध्य प्रदेश सरकार के इस फैसले पर राजनीतिक बयानबाजी और आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। अब देखना होगा कि सरकार इस कर्ज का इस्तेमाल कैसे करती है और यह राज्य की अर्थव्यवस्था को किस दिशा में ले जाता है।
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