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GIS से पहले मोहन यादव सरकार लेगी कर्ज, कुल कर्ज 4 लाख करोड़ के पार

भोपाल। आगामी 23-24 फरवरी को होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (GIS) से पहले प्रदेश सरकार 2000 करोड़ रुपये का कर्ज लेगी। यह कर्ज भारतीय रिजर्व बैंक के माध्यम से 18 फरवरी को 12 वर्ष की अवधि के लिए लिया जाएगा। वर्तमान में प्रदेश पर चार लाख करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज हो चुका है।

पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने सरकार की कर्ज नीति की आलोचना करते हुए कहा कि इससे प्रदेश राजकोषीय संकट की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार सार्वजनिक संपत्ति बेचकर या लीज पर देकर धन जुटाने की कोशिश कर रही है और खर्च पूरा करने के लिए पूरी तरह कर्ज पर निर्भर हो गई है।

हालांकि, उप मुख्यमंत्री (वित्त) जगदीश देवड़ा ने कहा कि विकास की गति बढ़ाने के लिए कर्ज निर्धारित मापदंडों के अनुसार ही लिया जा रहा है। उन्होंने कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके कार्यकाल में कर्ज लेकर वेतन बांटा जाता था, जबकि वर्तमान सरकार की वित्तीय स्थिति बेहतर है।

कमल नाथ ने सुझाव दिया कि अगर सरकार आर्थिक गतिविधियों को सही दिशा में संचालित करे, बेरोजगारों को रोजगार दे, और उद्योग-व्यापार को सकारात्मक माहौल में काम करने दे, तो इससे प्रदेश की अर्थव्यवस्था और राजस्व में वृद्धि होगी। उन्होंने कानून व्यवस्था की खराब स्थिति को भी आर्थिक विकास में बाधा बताया।

पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने सरकार की कर्ज नीति की आलोचना करते हुए कहा कि इससे प्रदेश राजकोषीय संकट की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार सार्वजनिक संपत्ति बेचकर या लीज पर देकर धन जुटाने की कोशिश कर रही है और खर्च पूरा करने के लिए पूरी तरह कर्ज पर निर्भर हो गई है।

हालांकि, उप मुख्यमंत्री (वित्त) जगदीश देवड़ा ने कहा कि विकास की गति बढ़ाने के लिए कर्ज निर्धारित मापदंडों के अनुसार ही लिया जा रहा है। उन्होंने कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके कार्यकाल में कर्ज लेकर वेतन बांटा जाता था, जबकि वर्तमान सरकार की वित्तीय स्थिति बेहतर है।

कमल नाथ ने सुझाव दिया कि अगर सरकार आर्थिक गतिविधियों को सही दिशा में संचालित करे, बेरोजगारों को रोजगार दे, और उद्योग-व्यापार को सकारात्मक माहौल में काम करने दे, तो इससे प्रदेश की अर्थव्यवस्था और राजस्व में वृद्धि होगी। उन्होंने कानून व्यवस्था की खराब स्थिति को भी आर्थिक विकास में बाधा बताया।

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