ग्वालियर। सूर्य और चंद्र ग्रहण का हमारे जीवन में बड़ा महत्व होता है। ये ऐसी दुर्लभ घटनाएं होती हैं, जिनसे हमारा वर्तमान और भविष्य प्रभावित हो जाता है। ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा ने बताया कि इस साल ग्रहण का सिलसिला 30 अप्रैल को लगने वाले आंशिक सूर्य ग्रहण से शुरू होगा, जो नए साल का यह पहला सूर्य ग्रहण होगा। हालांकि भारत में इस ग्रहण को देखा नहीं जा सकेगा।
नववर्ष 2022 में दो सूर्य ग्रहण व दो चंद्र ग्रहण होंगे। जिसमे खंडग्रास सूर्य ग्रहण 30 अप्रैल की मध्य रात्रि व 1 अप्रैल की पूर्व रात्रि 12:15 बजे से मोक्ष रात्रि 4:08 बजे होगा। यह ग्रहण भारत में दृश्य नही होगा। इसका सूतक भी नही लगेगा। दूसरा सूर्य ग्रहण खंडग्रास सूर्यग्रहण 25 अक्टूबर को लगेगा, इसका स्पर्श समय दोपहर 4:31 बजे से मोक्ष समय 5:57 बजे तक होगा। दूसरा सूर्य ग्रहण भी भारत में नहीं देखा जा सकेगा। यह सूर्य ग्रहण स्वाति नक्षत्र एवं तुला राशि पर होगा। इसलिए इस राशि वालों को रोग, पीड़ा व कष्ट हो सकते हैं। अंडमान-निकोबार द्वीप समूह और पूर्वोत्तर के इलाकों को छोड़कर देश के बाकी हिस्सों में यह ग्रहण देखा जा सकेगा। यह सूर्य ग्रहण इस साल की सबसे बड़ी दुर्लभ घटना होगी। इस दौरान सूर्य और पृथ्वी के बीच चंद्रमा कुछ इस तरह आ जाएगा कि लोगों को सूर्य 63 प्रतिशत ढंका नजर आएगा। सम्पूर्ण भारत मे जहां पर भी ग्रहण दृश्य होगा, वह ग्रस्त होगा।
इसका सूतक सुबह 4:31बजे से प्रारंभ होगा। पहला चंद्र ग्रहण 16 मई को खग्रास चंद्र ग्रहण होगा, जो सुबह 7.02 बजे से शुरू होकर 12.20 बजे तक रहेगा। ये ग्रहण भारत मे दृश्य नही होगा। इसका सूतक, दान पुण्य, याम नियम मेनी नही होगा। दूसरा खग्रास चंद्र ग्रहण 8 नवंबर को लगेगा, जो दोपहर 1:32 बजे से शाम 7.27 बजे तक रहेगा। यह भी पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा। भारत मे इस समय दिन होगा, जिस कारण यह ग्रहण भारत मे मोक्ष होता हुआ ग्रस्तोदय रूप में दृश्य होगा। भारत के पूर्वी और पूर्वोत्तर के इलाकों में आसानी से देखा जा सकेगा। जबकि देश के बाकी हिस्सों में आंशिक ग्रहण दिखाई देगा।