मध्य प्रदेश के सभी विभागों की 200 से अधिक शाखाओं में इस्तेमाल हो रहे ई-ऑफिस सॉफ्टवेयर को अपग्रेड करने के लिए 5 दिन का शटडाउन किया गया है। इस शटडाउन के कारण नेशनल इन्फॉर्मेटिक्स सेंटर (एनआईसी) से जुड़ी हर वेबसाइट का सर्वर डाउन हो गया है, जिससे आरटीओ कार्यालयों में फीस जमा करने, एम्स में पर्ची कटवाने, पुलिस वेरिफिकेशन, आधार केंद्रों के कामकाज और स्मार्ट सिटी के ई-ऑफिस जैसे कई विभागों में कार्य प्रभावित हुए हैं। यह शटडाउन बुधवार से शुरू हुआ है और अगले 5 कार्य दिवसों तक जारी रहेगा।
सामान्य प्रशासन विभाग ने प्रदेश के सभी विभागाध्यक्षों, संभागायुक्तों और कलेक्टर्स को वैकल्पिक व्यवस्थाएं करने के निर्देश दिए हैं। इन पांच दिनों में ई-ऑफिस की सभी सेवाएं, जैसे ई-फाइल, ई-लीव, ई-टूर और केएमएस, काम नहीं करेंगी। सॉफ्टवेयर को वर्जन-7 में अपग्रेड किया जा रहा है, क्योंकि पुराने वर्जन में वायरस का खतरा था। नए वर्जन से ई-ऑफिस पर काम करने की गति बढ़ने का दावा किया जा रहा है और पुरानी फाइलें ढूंढना भी आसान हो जाएगा।
इस अपग्रेड के कारण ई-ऑफिस पर आधारित विभागों में तकनीकी समस्याएं शुरू हो गई हैं, जिनमें भोपाल पुलिस और भोपाल स्मार्ट सिटी भी शामिल हैं। पुलिस के ई-ऑफिस सिस्टम के बंद होने से सबसे अधिक परेशानी हो रही है, क्योंकि भोपाल पुलिस को प्रतिदिन करीब 20 धरना-प्रदर्शन के आवेदन और 50 से अधिक डाक ई-ऑफिस के माध्यम से प्राप्त होते हैं। मुख्यमंत्री का कार्यक्रम और ड्यूटी चार्ट भी इसी प्लेटफार्म पर अपलोड किए जाते हैं, लेकिन शटडाउन के कारण सभी विभागों ने इन कार्यों को पुराने तरीकों, जैसे ई-मेल और वॉट्सऐप के माध्यम से पूरा करना शुरू कर दिया है।
शटडाउन का असर:
1. एम्स: सुबह 9 से 10 बजे तक सर्वर डाउन रहने के कारण ओपीडी और फीस काउंटर पर मरीजों को काफी परेशानी हुई। मरीजों को पर्चा बनवाने में लंबा इंतजार करना पड़ा।
2. कैरेक्टर वेरिफिकेशन: भोपाल पुलिस की इंटेलिजेंस शाखा में रोजाना आने वाले करीब 20 ऑनलाइन आवेदन कैरेक्टर वेरिफिकेशन के लिए अटके हुए हैं। यहां तक कि मुख्यमंत्री और अन्य वीआईपी के शहर में आने-जाने के कार्यक्रम भी ई-ऑफिस पर जारी नहीं हो पाए।
3. आरटीओ: दोपहर 12 से 2 बजे तक सर्वर डाउन रहने के कारण फीस जमा करने में देरी हुई। आमतौर पर 5 मिनट का काम 1 से 2 घंटे में पूरा हुआ।
4. नगरीय विकास विभाग: संचालनालय नगरीय विकास एवं विकास में ई-मेल सेवा प्रभावित हुई, क्योंकि यह सेवा एनआईसी से संचालित होती है। इसके कारण ई-मेल के आदान-प्रदान में कठिनाई हुई।