भोपाल: भोपाल की अरेरा कॉलोनी के कुछ बंगलों में बिजली खपत के आंकड़ों में हेरफेर का है। मुख्य रूप से, इन बंगलों में एक से अधिक बिजली मीटर लगाए गए थे ताकि बिजली खपत को कम दिखाया जा सके और सब्सिडी का लाभ लिया जा सके।
यह खुलासा तब हुआ जब मध्य प्रदेश के ऊर्जा विभाग के मुख्य सचिव, मनु श्रीवास्तव, ने खुद मौके पर जाकर इन बंगलों के मीटरों की जांच की। उन्होंने पाया कि कुछ बंगलों में 3-4 मीटर लगाए गए थे, जिसके परिणामस्वरूप इन बंगलों की कुल बिजली खपत 150 यूनिट प्रति माह दिखाई जा रही थी। इसके पीछे मकसद सब्सिडी के तहत कम बिजली बिल का लाभ उठाना था, जिसमें 100 यूनिट तक की खपत पर सिर्फ 100 रुपए और 150 यूनिट तक की खपत पर 150 रुपए ही भरने पड़ते हैं।
बिजली कंपनी ने इस अनियमितता का पता लगाने के लिए एमपी जियो पोर्टल की मदद ली। पहले, उन्होंने भोपाल में सबसे महंगी कलेक्टर गाइडलाइन पर हुई रजिस्ट्रियों की पहचान की, और फिर उन उपभोक्ताओं की सूची तैयार की जिनके बिजली बिल 150 यूनिट मासिक से कम थे। इस प्रक्रिया के माध्यम से, 51 ऐसे बंगलों का पता चला, जहां मीटरों का गलत उपयोग किया जा रहा था।
इस निरीक्षण और डेटा एनालिसिस के आधार पर, आगे भी ऐसे औचक निरीक्षण किए जाने की संभावना है ताकि इस प्रकार की अनियमितताओं को रोका जा सके।