इंदौर। वनमंडलों के डीएफओ और रेंजरों के तबादलों के बाद अब वनरक्षक-वनपाल और डिप्टी रेंजरों के तबादले की सूची भी जारी हो गई। बुधवार देर रात जारी सूची से इंदौर वनमंडल के 40 कर्मचारी प्रभावित हुए हैं। कहा जा रहा है कि इन कर्मचारियों को अवैध कटाई और अतिक्रमण के मामले में वरिष्ठों से तालमेल नहीं बैठा पाने की कीमत चुकाना पड़ी है। हालांकि अधिकारी तबादलों को सामान्य प्रक्रिया बता रहे हैं। विभाग में सालों से जमे बैठे कई कर्मचारी सूची से गायब हैं। यह बात खुद तबादलों पर सवाल खड़े कर रही है। इसे लेकर वन कर्मचारी संगठन भी नाराजगी जता चुका है।
इंदौर वनमंडल में इंदौर, महू, मानपुर, चोरल रेंज के अलावा रालामंडल अभ्यारण्य के वनकर्मियों के नाम भी तबादला सूची मेें हैं। डीएफओ नरेंद्र पंडवा ने दो अलग-अलग सूची जारी की हैं। इसमें एक इंदौर रेंज और दूसरी महू, मानपुर, चोरल रेंज के वनकर्मियों की है। इंदौर रेंज के सात वनकर्मियों को रेंज के ही अन्य वनक्षेत्रों की जिम्मेदारी सौंपी गई है। तीन वनरक्षकों को चोरल, महू और मानपुर भेजा गया है। दूसरी सूची में शामिल वनकर्मियों को अन्य रेंज के जंगलों की निगरानी सौंपी गई है। बताया जा रहा है कि चोरल-मानपुर में अवैध कटाई और बढ़ते अतिक्रमण को देखते हुए वनकर्मियों को हटाया है जबकि इंदौर-महू से जाने वाले वनकर्मियों को रोस्टर के तहत भेजा गया है।
सूत्रों के मुताबिक रालामंडल में अधिकारी से खींचतान के चलते दस लोगों ने जुलाई-अगस्त में तबादले के लिए डीएफओ नरेंद्र पंडवा के समक्ष आवेदन किए थे। इसमें पांच वनकर्मियों को महू, मानपुर और चोरल भेजा गया है। जबकि तीन वनकर्मियों को अभयारण्य में लाया गया है। पांच आवेदन निरस्त कर दिए गए हैं। रालामंडल की रेंजर आकांक्षा खातरकर का बैतूल तबादला किया गया है। थोकबंद तबादलों से नाराज कर्मचारी संगठन के पदाधिकारी सीसीएफ एचएस मोहंता और डीएफओ पंडवा से मिलने पहुंचे थे। पंडवा ने तबादलों को सामान्य प्रक्रिया बताया है।