मुरैना। इस्लामपुरा इलाके में पटाखों के गोदाम में हुए विस्फोट से ढहे मकानों के मलबे में 18 घंटे के रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद मां-बेटी के शव बरामद कर लिए गए हैं। दोनों के शव एक बाइक के पास मिले, जिससे अनुमान है कि उन्होंने बाइक की आड़ लेकर बचने की कोशिश की होगी। हालांकि, शनिवार रात तक मलबे में तलाश के बावजूद कुछ नहीं मिलने पर यह आशंका जताई जा रही थी कि शायद वे कहीं छिपी होंगी।
गौरतलब है कि इस विस्फोट के कारण इस्लामपुरा में चार मकान गिर गए थे, जिनमें एक जमील खान का घर भी था। उनकी पत्नी अंजू बेगम और 16 वर्षीय बेटी सायना मलबे में दब गई थीं। शनिवार दोपहर 1 बजे से दोनों को मलबे से निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया, लेकिन देर रात तक मलबे की गहन तलाशी और तीन फीट नीचे खुदाई करने के बावजूद उनका पता नहीं चल सका।
इस बीच, मां-बेटी के कहीं सुरक्षित छिपने की आशंका जताई जा रही थी, फिर भी एसडीआरएफ की टीम ने रातभर ऑपरेशन जारी रखा। रविवार सुबह करीब सवा सात बजे, मकान के एक किनारे दीवार और बाइक के बीच पहले मां का शव मिला और फिर मलबा हटाने पर बेटी का भी शव बरामद हुआ। करीब 18 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद दोनों के शव निकाले जा सके।
मां-बेटी के शव जिस तरह से दीवार और बाइक के बीच पाए गए, उससे लगता है कि धमाके के दौरान वे गिरते मलबे से बचने के लिए बाइक और दीवार के बीच छिपने की कोशिश कर रही थीं। यही कारण था कि देर रात तक मलबे की तलाशी के बावजूद उन्हें ढूंढ पाना मुश्किल हो गया था।