भोपाल। हबीबगंज इलाके में पिछले दिनों मां की डांट से दुखी होकर फांसी लगाने वाली नौंवी की छात्रा ने दो दिनों तक चले उपचार के बाद हमीदिया अस्पताल में दमतोड़ दिया। छात्रा के बयान दर्ज करने की काफी कोशिश की,लेकिन उसकी हालत ऐसी नहीं थी। बयान दर्ज कराए जा सकें। हबीबगंज थाने के एसआइ एसआई कमल सिंह के मुताबिक ई-3 अरेरा कॉलोनी नुपुर कुंज में निवासी शिल्पी पाल (15) अपने परिवार के साथ रहती थी। उसके पिता जगदीश पाल मप्र सरकार के एक अधिकारी की कार चालक है।
उनके मकान के सर्वेंट क्वाटर में वह रह रहते थे। 30 मार्च को मां ने नवरात्रि के भंडारे में न जाने की बात को लेकर उसे डांट दिया था। बाद में वह अपनी मां और छोटी बहन के साथ भंडारे में चली गई थी, बीच में वह घर आ गई थी। जब परिजन घर पहुंचे तो तो उसने मां की साड़ी का फंदा बांधकर फांसी लगा ली थी। इसी दौरान भंडारे से लौटी मां ने फांसी काट कर उसे एक निजी अस्पताल पहुंचाया। जहां एक दिन उपचार किया गया, लेकिन जब तबियत बिगड़ने लगी तो उसे हमीदिया अस्पताल रेफर कर दिया गया था। यहां रविवार को उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। मृतका की मां बंगलों में साफ-सफाई और पिता ड्राइबर का काम करते हैं।
इधर, बिलखिरिया थाना के हेड कांस्टेबल सुदीप राजपूत ने बताया कि ग्राम अमझरा निवासी मोहन नाथ पुत्र मुंशीनाथ (52) मेहनत-मजदूरी करता था। वह कल सुबह नौ बजे अपने घर से जंगल में महुआ बिनने निकला था। करीब आधा घंटे बाद उसकी पत्नी भी महुआ बिनने जंगल में पहुंची तो देखा मोहन नाथ पेड़ से बंधे रस्सी के फंटे पर लटका हुआ है। इसके बाद परिजनों ने उसे फंदे से काट कर घर पहुंचाया। तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। अब तक की जांच में आत्महत्या के कारणों का खुलासा नहीं हो सका है। पुलिस आज पीएम के बाद शव परिजनों को सौंप देगी।
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