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Thursday, November 14, 2024

मकान में आग लगने से मां-बेटे की हुई मौत

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बड़वानी। बड़वानी जिले के सेंधवा में दो मंजिला मकान में भीषण आग लगने से मां और बेटे की मौत हो गई। घर में आग लगने के बाद महिला बुरी तरह घबरा गई। वह आग से बचने के लिए गैलरी की तरफ भागी, लेकिन फिसलकर गिर गई। बेटा घर के अंदर फंस गया था। धुएं से उसका दम घुट गया। मां-बेटे दोनों की इलाज के दौरान मौत हो गई।घटना शहर के मौलाना आजाद मार्ग त्रिवेणी चौक की है। यहां दो मंजिला बिल्डिंग में बुधवार-गुरुवार की रात करीब 1 बजे आग लग गई। घर के सामने रहने वाले एडवोकेट देवेश शर्मा ने बताया कि देर रात को मकान से चीख-पुकार की आवाज आई, तो बाहर निकल कर आया। मैंने देखा की ऊपरी मंजिल पर आग लगी हुई थी। मैंने तुरंत पड़ोस के लोगों को बाहर बुलाया। उसके बाद पुलिस और फायर ब्रिगेड को सूचना दी। फिर हम सब ने मिलकर आग बुझाने की कोशिश शुरू कर दी। हमने लोगों की मदद से घर में फंसे तुषार चेतन (18) को बाहर निकाल कर अस्पताल भेज दिया, जहां उसकी मौत हो गई।

 

 

घबरा कर नीचे गिरी महिला, मौत एडवोकेट ने बताया कि घर में मौजूद राधिका मंगल (45) आग लगने के बाद काफी घबरा गई थीं। लगातार उनके चिल्लाने की आवाज सुनाई दे रही थी। वह घबराकर बाहर गैलरी की तरफ दौड़कर आईं। इसी दौरान उनका पैर फिसल गया और वह दूसरी मंजिल से नीचे गिर गईं। उनको तुरंत निजी अस्पताल में पहुंचाया, जहां उनकी भी मौत हो गई। इस दौरान उनकी बेटी अनीशा मंगल (25) भागती हुई आई। वह खुद को बचाने के लिए दो मंजिल से कूद गई थी। उसकी जान बच गई है।

 

फायर चालक आसिफ ने बताया कि आग बुझाने के लिए नगरपालिका के स्थानीय तीन वाहनों के साथ आसपास के क्षेत्रों निवाली, पलसूद, राजपुर से भी फायर ब्रिगेड बुलाई गई थी। आसिफ ने बताया कि सभी फायर ब्रिगेड ने मौके पर पहुंचकर 3 घंटे की मशक्कत से आग को बुझाया।सेंधवा एसडीओपी कमल सिंह चौहान का कहना है कि देर रात करीब 1 बजे मौलाना आजाद मार्ग पर त्रिवेणी चौक पर स्थिति चेतन मंगल के घर पर आग लगने की सूचना मिली थी। उसके बाद तत्काल मौके पर पहुंचे। फायर ब्रिगेड को सूचना करवाई और बिजली कंपनी को भी सूचना कर बिजली सप्लाई बंद करा दी। आग किन कारणों से लगी, इसके बारे में जांच की जा रही है। प्रथम दृष्ट्या शॉर्ट सर्किट से आग लगने की आशंका है।

 

 

चेतन का छोटा बेटा तुषार मंगल मानसिक रूप से दिव्यांग था। बचपन से ही दिव्यांग होने के कारण माता-पिता उसका पूरा ध्यान रखते थे। तुषार ज्यादातर घर पर ही रहता है।आगजनी के दौरान तुषार पहली मंजिल था। घर के आसपास रहने वाले लोगों और पुलिस की मदद से तुषार को बाहर निकाला गया। चेतन मंगल का घर अंदर से पूरे घर में लकड़ी का फर्नीचर बना हुआ था। आगजनी की घटना में पूरे घर का लकड़ी का फर्नीचर जलकर खाक हो गया। इसके अलावा घर के दोनो मंजिल पर रखा सामान आगजनी की घटना में जलकर खाक हुआ है। इलेक्ट्रानिक समान टीवी,फ्रिज,एसी, अलमारियां,कपड़े सहित कई कीमती सामान जलकर खाक हुआ है। घटना में करीब 20 लाख से अधिक का नुकसान हुआ है।

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