भोपाल। MP बोर्ड की 10वीं और 12वीं की परीक्षा का संचालन शुरू हो गया है, साथ ही कॉपी चेकिंग का काम भी जारी है। बोर्ड अधिकारियों के मुताबिक, करीब 10 फीसदी उत्तरपुस्तिकाएं चेक की जा चुकी हैं। 21 मार्च से दूसरे चरण की जांच शुरू होगी और अप्रैल के अंत तक परिणाम घोषित किए जा सकते हैं। इस वर्ष एमपी बोर्ड की परीक्षा में 17 लाख विद्यार्थी शामिल हैं, जिनकी 90 लाख उत्तरपुस्तिकाएं चेक की जाएंगी। इवैल्यूएशन में गड़बड़ी रोकने के लिए बोर्ड ने एक नया आदेश जारी किया है। माध्यमिक शिक्षा मंडल ने मूल्यांकन प्रक्रिया को अधिक सख्त बनाने के लिए इसे तीन स्तरों पर बांट दिया है। अगर इसके बाद भी कोई गड़बड़ी पाई जाती है, तो संबंधित मूल्यांकनकर्ता पर कार्रवाई की जाएगी।
मूल्यांकन के तीन स्तर इस बार एमपी बोर्ड का मूल्यांकन प्रक्रिया तीन स्तरों पर होगी। इसके लिए मूल्यांकनकर्ताओं को विशेष ट्रेनिंग दी गई है। यह प्रक्रिया मुख्य परीक्षक, उप मुख्य परीक्षक और परीक्षक स्तर पर की जाएगी। यदि किसी छात्र ने एक ही उत्तर कई बार लिखा है, तो उसकी गणना केवल एक बार की जाएगी। प्रत्येक स्तर पर उत्तरपुस्तिका की पुनः जांच की जाएगी, ताकि किसी भी त्रुटि की संभावना न हो।
ऑनलाइन अंक अपलोडिंग परीक्षक कॉपी चेक करने के बाद उत्तरपुस्तिकाओं के अंक भी ऑनलाइन अपलोड कर रहे हैं। यदि इस दौरान कोई गलती पाई जाती है, तो परीक्षक और उप मुख्य परीक्षक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल, पहले चरण का मूल्यांकन जारी है, और दूसरा चरण 21 मार्च से शुरू होगा। बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि यदि कोई मूल्यांकनकर्ता खानापूर्ति करता है या एवरेज मार्किंग करता है, तो उसे निगरानी में रखा जाएगा और कार्रवाई की जाएगी।
एक शिक्षक को 45 कॉपियों का मूल्यांकन भोपाल के जिला शिक्षा अधिकारी एनके अहिरवार ने बताया कि एक शिक्षक को एक दिन में कम से कम 30 और अधिकतम 45 उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन करना होगा, और अंक ऑनलाइन अपलोड भी करने होंगे। इस आदेश के बाद, मूल्यांकन करने वाले शिक्षक सतर्क हैं, जबकि विभाग का कहना है कि यह निर्णय प्रक्रिया को सख्त और पारदर्शी बनाने के लिए लिया गया है।
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