भोपाल। कोरोना की चौथी लहर का खतरा तेजी से बढ़ रहा है। कोविड के नए वैरिएंट XE के मामले पड़ोसी राज्यों में मिलने के बाद मध्यप्रदेश के सभी जिलों के लिए अलर्ट जारी किया गया है। MP के हेल्थ कमिश्नर सुदाम खाडे़ ने सभी जिलों के कलेक्टर और सीएमएचओ को नए वैरिएंट को लेकर विशेष सतर्कता बरतने काे कहा है। XE वैरिएंट के ट्रांसमिशन रेट हाई होने के कारण इसके तेजी से फैलने की आशंका है, इसलिए अस्पतालों में भर्ती होने वाले कोरोना मरीजों की लगातार निगरानी करने को भी कहा है।
XE वैरिएंट ओमिक्रॉन के सब-वैरिएंट BA.1 और BA.2 के मुकाबले 10 गुना ज्यादा तेजी से फैलता है। XE ओमिक्रॉन के दोनों सब-वैरिएंट का हाइब्रिड है। शुरूआती रिसर्च के मुताबिक, जांच के दौरान XE वैरिएंट की पहचान करना काफी मुश्किल होता है। अब तक कोविड के तीन हाइब्रिड या रिकॉम्बिनेंट स्ट्रेन का पता चला है, जिसमें से पहला- XD, दूसरा- XF और तीसरा- XE है। इनमें से पहले और दूसरे वैरिएंट डेल्टा और ओमिक्रॉन के कॉम्बिनेशन से पैदा हुए हैं, जबकि तीसरा ओमिक्रॉन सब-वैरिएंट का हाइब्रिड स्ट्रेन है।
XE variant ओमिक्रॉन के दो वैरिएंट से मिलकर बना है। ऐसे में माना जा रहा है कि इसके लक्षण भी ओमिक्रॉन वैरिएंट से मिलते-जुलते हो सकते हैं। XE वैरिएंट में थकान, चक्कर आना, सिर दर्द, गले में खराश, बुखार, बदन दर्द, नाक बहना और डायरिया के लक्षण महसूस हो सकते हैं। इसके अलावा XE से संक्रमित मरीजों को भी कोरोना की तरह सूंघने और स्वाद में कमी महसूस हो सकती है।
स्वास्थ्य विभाग ने भेजे आदेश में कही ये बाते
कोरोना मरीजों की जानकारी स्टेट सर्विलांस यूनिट, स्वास्थ्य संस्थाओं, IHIP पोर्टल, मीडिया या किसी भी अन्य सोर्स से मिलने पर मॉनिटरिंग और सर्विलांस किया जाए।
जिलों में मिलने वाले SARI और ILI के मरीजों की कोविड टेस्ट के लिए RTPCR सैंपलिंग कराई जाए।
जिले में कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ने पर ब्लॉक लेवल पर प्लानिंग कर निगरानी की जाए।
कोरोना की जांच के लिए निर्धारित डेली टेस्टिंग टारगेट के अनुसार सैंपलिंग और टेस्टिंग कराई जाए। कोरोना पॉजिटिव मिले सैंपलों को Whole Genome Sequencing (WGS) के लिए नियमित रूप से निर्धारित लैब को भेजा जाए।
किसी भी क्षेत्र में कोरोना के मामले बढ़ने पर संक्रमित मरीजों की सूचना राज्य सर्विलांस इकाई को दी जाए और इस क्लस्टर (Cluster) में सैंपलिंग, कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग सहित सर्विलांस गतिविधियां की जाएं।
IDSP की डेली रिपोर्टिंग के साथ कोरोना मरीजों और होल जीनोम सीक्वेंसिंग (WGS) की जानकारी भी पोर्टल पर दर्ज की जाए।
जिला स्तर पर कोरोना को लेकर डेली मॉनिटरिंग और समीक्षा की जाए।
हेल्थ कमिश्नर का आदेश