भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार इस साल अपनी शराब नीति में बड़ा बदलाव करने जा रही है. सरकार नीलामी प्रक्रिया को बदलने की तैयारी कर रही है. पहले दुकानों का ग्रुप बनाकर नीलामी की जाती थी. लेकिन अब से यानी कि साल 2025-26 के लिए एकल दुकान की नीलामी होगी. इससे लोगों के बीच कंपटीशन बढ़ेगा और साथ ही राजस्व को भी फायदा होगा. राज्य में कुल 3065 कंपोजिट शराब की दुकानें हैं, जिन्हें 1100 समूह बनाकर नीलाम किया गया था. तय किया गया है कि आदिवासी क्षेत्रों में ग्रामसभा की अनुमति से ही शराब की दुकानें खोली जाएंगे
वहीं धार्मिक स्थलों पर पहले से मौजूद शराब की दुकानों को बंद किया जाएगा. 2025-26 के लिए प्रस्तावित नीति को जल्द ही कैबिनेट में पेश किया जा सकता है. सूबे में देसी और विदेशी शराब के लिए अलग-अलग दुकानों के स्थान पर कंपोजिट दुकान की व्यवस्था लागू की गई है. वार्षिक मूल्य 15 प्रतिशत बढ़ाकर नवीनीकरण किया गया था. चूंकि दुकानों के समूह बनाकर नीलामी की प्रक्रिया पूरी की गई थी. इसलिए अधिकतर दुकानें नवीनीकरण में चलीं गईं
वहीं जिनका नवीनीकरण नहीं हुआ, उन्हें वार्षिक मूल्य कम करके दिया गया. लेकिन इस बार सरकार नवीनीकरण की जगह एकल दुकान की नीलामी पर जोर देगी. अधिकारियों का कहना है कि इससे कंपटीशन बढ़ेगा और नए लोगों को भी मौका मिलेगा. राजस्व भी अधिक आएगा. साल 2003 में एकल दुकान नीलामी की व्यवस्था की गई थी