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लगातार हो रही बारिश से पानी-पानी हुआ एमपी, कई जिलों में बाढ़ के हालात

भोपाल: सितंबर में मध्यप्रदेश में मानसून का सबसे मजबूत सिस्टम छाया हुआ है। कई जिलों में भारी बारिश के चलते बाढ़ के हालात बन गए हैं। भिंड जिले में क्वांरी, सांक, और सिंध नदियाँ खतरे के निशान पर बह रही हैं, जिससे 50 गांवों में अलर्ट जारी किया गया है। नर्मदापुरम के सेठानी घाट पर नर्मदा नदी खतरे के निशान से 7 फीट नीचे है, लेकिन इंदिरा सागर बांध के 12, ओंकारेश्वर बांध के 11, और मड़ीखेड़ा डैम के 4 गेट खोलकर पानी छोड़ा जा रहा है। ग्वालियर में पिछले 24 घंटे में 8 इंच और भोपाल में ढाई इंच बारिश रिकॉर्ड की गई है।

लहार में कच्चे मकान की दीवार गिरने से गणेशराम तिवारी की मौत हो गई, जबकि 10 साल की भूमि तिवारी घायल हो गई। टीकमगढ़ के बरेठी गांव में तेज बारिश से घरों में पानी भर गया। ग्वालियर के आरोन-पाटई क्षेत्र में एक 11 साल का बच्चा बह गया, जिसका अब तक पता नहीं चल पाया है। खरगोन में सतवाड़ा की कोयड़ा नदी पर अस्थायी पुल बहने से झिरन्या-बमनाला मार्ग बंद हो गया है।

मौसम विभाग का रेड अलर्ट

मौसम विभाग ने भिंड, शिवपुरी, अशोकनगर, विदिशा, रायसेन, और सागर में अति भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है। भोपाल, ग्वालियर, और जबलपुर समेत 29 जिलों में भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। वहीं, ग्वालियर में अब तक 40 इंच बारिश हो चुकी है, जबकि भोपाल में भी ढाई इंच बारिश दर्ज की गई है।

स्कूलों की छुट्टियाँ और अन्य प्रभाव

भोपाल में कक्षा 5 तक, और राजगढ़, सागर, गुना, शिवपुरी, मुरैना, और भिंड में कक्षा 8 तक सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूलों की छुट्टियाँ घोषित की गई हैं। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का शिवपुरी दौरा भी रद्द करना पड़ा है।

मुरैना में डैम हादसा

मुरैना के पगारा डैम में नहाने गए 5 युवकों में से 2 के शव बरामद हो चुके हैं, जबकि एक युवक की तलाश जारी है। तेज बहाव के कारण ये हादसा हुआ, और बचाव टीम को रास्ते में पेड़ और बिजली के खंभे गिरने से रुकावट का सामना करना पड़ा।

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