MP Local Body Elections: राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा नगरीय निकाय चुनाव की सारी तैयारियों के बीच स्थानीय सरकार चुनने के कार्यक्रम को राज्य सरकार चार महीने के लिए आगे बढ़ा सकती है। इसकी मुख्य वजह बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनाव हैं। हालांकि शहरों में नगरीय निकाय चुनाव टालने के लिए सरकार कोरोना का बढ़ता संक्रमण और परीक्षाओं को आधार बना सकती है।
हाई कोर्ट के आदेश के तहत निकाय चुनाव करवाना भी जरूरी है, इसलिए सरकार पंचायतों के चुनाव पहले करवा सकती है, ताकि कोर्ट के निर्देशों का पालन भी हो जाए और निकाय चुनाव के लिए पर्याप्त समय भी मिल जाए। पंचायत चुनाव की घोषणा से यह कहा जा सकेगा कि निकाय चुनावों की शुरुआत हो गई है। अगले चरण में नगरीय निकायों के चुनाव कराए जाएंगे।
चुनाव टालने के तीन प्रमुख कारण
1. मुख्यमंत्री सहित कई मंत्री बंगाल में सक्रिय
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा बंगाल चुनाव में भाजपा के स्टार प्रचारक हैं। अन्य मंत्री अरविंद भदौरिया और विश्वास सारंग को भी भाजपा ने विधानसभा चुनाव की जिम्मेदारी सौंपी है। यही वजह है कि भाजपा नेता एकमत से चुनाव आगे बढ़ाने के पक्ष में हैं।
2- परीक्षा कार्य में बाधा
अप्रैल-मई में हाई स्कूल और हायर सेकंडरी की परीक्षा होनी है। नगरीय निकाय चुनाव से परीक्षा कार्य बाधित हो सकता है। वजह यह भी है कि चुनाव में शिक्षकों की ड्यूटी लगाई जाएगी और स्कूलों में मतदान केंद्र बनाए जाएंगे।
3. शहरों में कोरोना का खतरा
पिछले कुछ दिनों से भोपाल-इंदौर सहित अन्य बड़े शहरों में कोरोना के मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है। सरकार का मानना है कि निकाय चुनाव से फिर शहरों में रैलियां होंगी, आम सभाओं में भीड़ जुटेगी। इससे कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है।
कोरोना का खतरा शहर व गांव में समान है, लेकिन कहा जा सकता है कि बड़े शहरों में संक्रमण की दर बढ़ रही है। बड़े निकायों में भारी भीड़ उमड़ती है। इसकी तुलना में गांवों में भीड़ अपेक्षाकृत कम रहती है, इसलिए खतरा कम होगा।
पंचायत चुनाव से सरकार को राहत
राज्य निर्वाचन आयोग नगरीय निकाय चुनाव के बजाय पंचायत चुनाव का कार्यक्रम जारी कर सकता है। हालांकि अभी पंचायतों के आरक्षण की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई है। पंचायत चुनाव बिना दलीय आधार पर होते हैं। ऐसी स्थिति में सरकार को राहत रहेगी।