भोपाल। मध्य प्रदेश में मानसून का विदाई का समय आ चुका है, लेकिन मौसम में अभी भी सक्रियता बनी हुई है। मंगलवार को मौसम विभाग ने मानसून की औपचारिक विदाई की घोषणा की, जबकि प्रदेश के कई हिस्सों में बारिश का दौर जारी है। मध्य प्रदेश से मानसून की विदाई की घोषणा करते हुए, मौसम विभाग ने बताया कि बुरहानपुर, धार, खंडवा, मंडला, छिंदवाड़ा और बैतूल जैसे जिलों में मानसून की सक्रियता बनी रही। इन जिलों में बारिश कराने वाले सिस्टम के कारण मौसम में बदलाव देखने को मिल रहा है।
धार जिले में मंगलवार को तेज बारिश हुई, जबकि पीथमपुर में ओले गिरे… इस दौरान तेज हवाओं के साथ एक घंटे तक बारिश हुई, जिससे सड़कों पर पानी भर गया। वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन के अनुसार, लो प्रेशर एरिया डिप्रेशन में बदल गया है, जिसके कारण अगले 24 घंटों तक बारिश और गरज-चमक की स्थिति बनी रहेगी। 16 अक्टूबर के बाद मौसम में सुधार आने की संभावना है। अगले 24 घंटों के दौरान इंदौर, उज्जैन, रतलाम, खरगोन, सीहोर, बैतूल, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, सिवनी, मंडला, बालाघाट और अनूपपुर में हल्की बारिश हो सकती है। वहीं, भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर जैसे अन्य जिलों में मौसम साफ रहेगा।
सोमवार को मध्यप्रदेश के 12 जिलों में भी बारिश हुई थी। बैतूल में 1.5 इंच, भोपाल, सागर और नर्मदापुरम के पचमढ़ी में आधा इंच से ज्यादा बारिश हुई। डिंडौरी और धार में भी तेज बरसात का अनुभव हुआ। इस साल प्रदेश में कुल 44.1 इंच बारिश रिकॉर्ड की गई है। मंडला जिले में सबसे अधिक 60.6 इंच बारिश हुई, जबकि सिवनी में 56.8 इंच पानी गिरा। जबलपुर संभाग बारिश के मामले में सबसे आगे रहा है।
मौसम विभाग के अनुसार, 20 अक्टूबर से प्रदेश में ठंड का असर बढ़ने की संभावना है। रात के तापमान में गिरावट आकर यह 20 डिग्री सेल्सियस के नीचे जा सकता है, जबकि दिन में तापमान 33-34 डिग्री के बीच रहेगा। इस मानसून सीजन में प्रदेश के लगभग 200 डैम फुल हो चुके हैं। बरगी, बाणगंगा, ओंकारेश्वर, इंदिरा सागर, तवा, कलियासोत और केरवा जैसे डैम के गेट कई बार खोले जा चुके हैं। इससे जल संसाधनों की स्थिति में सुधार हुआ है।