MP NEWS: एजाज खान को मिली सिर कलम की धमकी, क्या किसी दबाव में आकर बोलने को किया जा रहा मजबूर?

MP NEWS: मध्यप्रदेश भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष ईजाज़ ख़ान को फेसबुक पर ‘सिर तन से जुदा‘ करने की धमकी मिली है। यह कोई एक दिन की बात नहीं बल्कि यह सिलसिला 13 मई से शुरू हुआ था। उन्हें लगातार धमकियां दी जा रही थीं और आखिरी धमकी 10 जून को आई। इस धमकी में उनके जीवन को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाने की बात कही गई थी। सोशल मीडिया पर इस तरह की खुली धमकियां किसी भी व्यक्ति की मानसिक स्थिति को प्रभावित कर सकती हैं और जब बात एक राजनीतिक पद पर बैठे नेता की हो तो मामला और भी गंभीर हो जाता है।

पुलिस में दर्ज कराई शिकायत

धमकियों से परेशान होकर ईजाज़ ख़ान ने भोपाल के टीला जमालपुरा थाना में शिकायत दर्ज करवाई है। उन्होंने पुलिस को बताया कि उन्हें बार-बार जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं। पुलिस ने मामला गंभीरता से लेते हुए तुरंत एफआईआर दर्ज की और जांच शुरू कर दी है। सोशल मीडिया पर मिलने वाली धमकियों को पहले हल्के में लिया जाता था लेकिन अब कानून में साइबर क्राइम के तहत सख्त धाराएं जोड़ी जा चुकी हैं। ईजाज़ ख़ान की शिकायत पर साइबर सेल को भी सतर्क कर दिया गया है ताकि धमकी देने वाले की पहचान की जा सके।

MP NEWS: एजाज खान को मिली सिर कलम की धमकी, क्या किसी दबाव में आकर बोलने को किया जा रहा मजबूर?

दौरे के दौरान जान का खतरा

ईजाज़ ख़ान ने बताया कि वे 15 जून को सिवनी जिले के दौरे पर हैं और उन्हें इस बात का डर है कि उनके दौरे के दौरान कोई जानलेवा हमला हो सकता है। उन्होंने प्रशासन से उनकी सुरक्षा बढ़ाने की मांग की है। उनका कहना है कि जब उन्हें पहले से धमकियां मिल रही हैं तो सुरक्षा में कोई ढील नहीं दी जानी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि वे एक राजनीतिक दल के जिम्मेदार पद पर हैं और अगर उन्हें कुछ होता है तो यह राज्य की शांति व्यवस्था पर भी सवाल खड़ा करेगा।

राजनीति और धमकियों का खतरनाक रिश्ता

आजकल राजनीति से जुड़े लोगों को इस तरह की धमकियां मिलना आम बात हो गई है लेकिन यह सामान्य नहीं है। यह लोकतंत्र के लिए खतरे की घंटी है। सोशल मीडिया पर किसी को खुलेआम मारने की धमकी देना न सिर्फ कानून का उल्लंघन है बल्कि समाज में भय का माहौल भी बनाता है। ईजाज़ ख़ान ने यह भी कहा कि अगर कोई मतभेद है तो उसे लोकतांत्रिक तरीके से सुलझाना चाहिए न कि हिंसा और धमकी के रास्ते से। उन्होंने स्पष्ट किया कि वह अपने विचारों से पीछे नहीं हटेंगे चाहे कोई कितना भी डरा ले।

पुलिस की कार्रवाई और आने वाले सवाल

पुलिस ने इस मामले में एफआईआर तो दर्ज कर ली है लेकिन असली चुनौती अब यह है कि धमकी देने वाले व्यक्ति को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए। सोशल मीडिया पर अकाउंट फर्जी नामों से बनाए जाते हैं जिससे असली पहचान छिपी रहती है। ऐसे में साइबर सेल को तकनीकी मदद से इस व्यक्ति को पकड़ना होगा। इस बीच सवाल यह भी उठ रहे हैं कि क्या किसी खास विचारधारा या पार्टी से जुड़े होने पर इस तरह की धमकियां आम हो गई हैं। ईजाज़ ख़ान के मामले ने यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या राजनीतिक कार्यकर्ता अब खुलकर अपनी बात कहने से डरने लगेंगे।

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