भोपाल. मध्य प्रदेश साइबर पुलिस ने ऑनलाइन ठगी के इंटरनेशनल रैकेट के चार सदस्यों को गिरफ्तार कर दो महीने में हुई 50 करोड़ की ठगी का खुलासा किया है. पुलिस ने इस मामले की जांच की तो कई बड़े खुलासे हुए. यह इंटरनेशनल रैकेट डेटिंग ऐप के जरिए सबसे पहले बड़े और युवा कारोबारियों को लड़कियों के जरिए हनी ट्रैप में फंसाता था. इसके बाद फर्जी वेब पेज के जरिए ऑनलाइन ट्रांजैक्शन बताकर करोड़ों रुपये की ठगी करते हैं. ठगी की राशि को क्रिप्टो करेंसी (Crypto Currency) में कन्वर्ट कर पाकिस्तान भेजा जाता है. पिछले 2 महीने में 50 करोड़ का ट्रांजैक्शन भी किया है.
बहरहाल, जिस प्रकार से वर्तमान समय में बहुत सारे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म उपलब्ध हैं और लोग उनका इस्तेमाल कर रहे हैं. ठीक उसी प्रकार से डेटिंग एप भी एक एक सोशल ऐप होता है. डेटिंग एप के फीचर इसे सोशल मीडिया के फीचर के बिल्कुल विपरीत बनाते हैं. इस एप्लीकेशन के उपभोक्ता इसके इस्तेमाल से लड़के या फिर लड़कियां एक दूसरे के प्रोफाइल को सबसे पहले लाइक करते हैं और जब दोनों तरफ से एक दूसरे का प्रोफाइल लाइक कर दिया जाता है, तब चैटिंग करने के लिए एक विकल्प प्राप्त होता है.
ये है पूरा मामला
16 मई को भोपाल के एक युवा व्यवसायी ने शिकायत दर्ज कराई थी कि एक महिला से उसकी डेटिंग एप्लिकेशन के जरिए पहचान हुई. महिला ने मसालों में ट्रेडिंग के लिए फर्जी मॉलीशस वेब पेज विथ लाइव डैशबोर्ड सुझाया. इस लाइव वेब पेज के जरिए काल्पनिक ट्रांजैक्शन दिखाया गया. इस फर्जी वेब पेज पर आरोपियों ने आईडी उपलब्ध करा कर व्यापारी से 5 फर्म के बैंक खातो में करीब एक करोड़ जमा कराए और व्यापारी को चूना लगाया. भोपाल के व्यवसाई के साथ हुई एक करोड़ की ऑनलाइन ठगी के मामले की जांच करते हुए पांच संदिग्ध बैंक खातों और क्रिप्टो ट्रेडर्स के खातों को ब्लॉक कराया गया है. इन खातों में 50 लाख से ज्यादा की रकम को फ्रिज कराया गया और साइबर ट्रेल्स के जरिए आरोपियों तक साइबर टीम पहुंच गई.
पाकिस्तान और चीन कनेक्शन
इस अंतर्राष्ट्रीय रैकेट में क्रिप्टो करेंसी के जरिए करोड़ों रुपये पाकिस्तान भेजने का काम होता है. अप्रेल और मई के दो महीनों की पड़ताल में 50 करोड़ के ट्राजैक्शन का खुलासा हुआ है. इस रैकेट में पाकिस्तानी, चीनी नागरिक के साथ इंडिया के रजिस्टर्ड चार्टर्ड अकाउंटेंट, कंपनी सेक्रेटरी और व्यवसायी शामिल हैं. अभी दिल्ली, गुरुग्राम और राजकोट से चार आरोपी गिरप्तार किए जा चुके हैं. जबकि दो आरोपी फरार हैं.
आरोपियों का अलग-अलग काम
इसमें आरोपी के जिम्मे अलग-अलग काम होता था. हरियाणा का रहने वाला आरोपी एविड केडिया जो चार्टड एकाउंटेड है, वह फर्म रजिस्टर कराकर बैंक में चालू खाता खुलवाता था. इसके बाद फर्म खाते की डिटेल चीनी नागरिक को उपलब्ध कराता था. दिल्ली का आरोपी डोली मखीजा कंपनी सेक्रेटरी है. आरोपी रिश्तेदारों के नाम पर फर्म बनाकर चालू खाता खुलवाकर संदिग्ध व्यक्तियों को धोखाधड़ी से मिली रकम को दिलवाता था.
तीसरा आरोपी राजकोट का दिलीप पटेल, यह आरोपी राजकोट की फर्म विक्टेक प्राइवेट लिमिटेड में प्राप्त राशि को बैंक से निकालकर अन्य खातों में ट्रांसफर कराने के साथ खुद के खातों में राशि प्राप्त कर वजीर एक्स में क्रिप्टो में ट्रांसफर कराता और धोखाधड़ी के लिए ईमेल बनाता था. चौथा आरोपी दिल्ली का विक्की मखीजा है, वह फर्म के खातों में डायरेक्टर बनने के साथ इन फर्मों को बेचकर रकम हासिल करता था. पाकिस्तान में जाने के बाद इस राशि का मनी ट्रेल होता है. इतनी मोटी रकम का इस्तेमाल कहां किया जा रहा है? इस गिरोह के तार कहां कहां जुड़े हैं ? कितने लोगों को अब तक ये चूना लगा चुके हैं? इन तमाम एंगल्स पर जांच जारी है.