MP News: नौ साल की लंबी प्रतीक्षा खत्म – मध्यप्रदेश के चार लाख कर्मचारियों को जल्द मिलेगी प्रमोशन की सौगात

MP News: मध्यप्रदेश के चार लाख कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है। पिछले नौ सालों से जो प्रमोशन की राह देख रहे थे उनके लिए राज्य सरकार ने नई व्यवस्था तैयार कर ली है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और मंत्रिपरिषद ने इस प्रस्ताव पर सहमति दे दी है। अब यह प्रस्ताव जल्द ही कैबिनेट बैठक में रखा जाएगा और वहां से मंजूरी मिलने के बाद इसे लागू किया जाएगा। इस फैसले से उन हजारों कर्मचारियों को राहत मिलेगी जो सालों से पदोन्नति के अभाव में काम कर रहे थे और सेवानिवृत्त भी हो चुके हैं।

आरक्षण के नए फॉर्मेट में सभी वर्गों का ध्यान रखा गया

नई व्यवस्था में प्रमोशन में आरक्षण को लेकर स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए गए हैं। पदों को अनुसूचित जाति के लिए 16 प्रतिशत अनुसूचित जनजाति के लिए 20 प्रतिशत और शेष को अनारक्षित श्रेणी के तहत बांटा जाएगा। सबसे पहले एसटी के पद भरे जाएंगे फिर एससी के और फिर बचे हुए अनारक्षित पदों पर सभी योग्य उम्मीदवारों को मौका मिलेगा। अगर किसी आरक्षित वर्ग के लिए कोई योग्य अभ्यर्थी नहीं मिला तो वह पद रिक्त रखा जाएगा। इस तरह सरकार ने संतुलन बनाते हुए सभी वर्गों के हितों का ध्यान रखने की कोशिश की है।

MP News: नौ साल की लंबी प्रतीक्षा खत्म – मध्यप्रदेश के चार लाख कर्मचारियों को जल्द मिलेगी प्रमोशन की सौगात

प्रथम श्रेणी के अधिकारियों के लिए ‘मेरिट कम सीनियरिटी’ का फार्मूला अपनाया जाएगा। इसका मतलब है कि काबिलियत के साथ वरिष्ठता का भी ध्यान रखा जाएगा। वहीं द्वितीय श्रेणी और उसके नीचे के पदों के लिए ‘सीनियरिटी कम मेरिट’ का फॉर्मूला लागू किया जाएगा। यानी इन पदों पर वरिष्ठता को प्राथमिकता दी जाएगी लेकिन मेरिट भी देखी जाएगी। यह व्यवस्था इसलिए बनाई गई है ताकि निचले स्तर पर काम कर रहे कर्मचारियों को भी प्रमोशन का न्यायसंगत अवसर मिल सके और योग्यता के साथ-साथ अनुभव को भी महत्व दिया जा सके।

हर साल तय समय में पूरी होगी पदोन्नति प्रक्रिया

सरकार ने यह भी तय कर लिया है कि अब हर साल सितंबर से नवंबर के बीच पदोन्नति की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। इसके लिए 31 दिसंबर तक पात्रता तय की जाएगी और फिर 1 जनवरी से खाली पदों के अनुसार पदोन्नतियाँ दी जाएंगी। खास बात यह है कि जितने पद खाली होंगे उसके दोगुने पात्रों के साथ चार अतिरिक्त नामों को भी सूची में जोड़ा जाएगा। जैसे अगर 6 पद खाली हैं तो 12 के अलावा 4 और यानी कुल 16 लोगों को प्रमोशन प्रक्रिया में शामिल किया जाएगा। इससे चयन में पारदर्शिता भी रहेगी और किसी तरह की पक्षपात की गुंजाइश नहीं होगी।

सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि जो कर्मचारी पहले ही सेवानिवृत्त हो चुके हैं उन्हें इस नई व्यवस्था का लाभ नहीं मिलेगा। साथ ही किसी भी कर्मचारी को पीछे नहीं किया जाएगा यानी पहले से प्रमोट हो चुके लोगों को पदावनत नहीं किया जाएगा। यह व्यवस्था केवल लागू होने की तारीख से प्रभावी होगी और इसके बाद से ही यह मान्य मानी जाएगी। इससे विवादों की संभावना कम होगी और प्रक्रिया सरल और निष्पक्ष रहेगी। सरकार का लक्ष्य है कि इस बार पूरी प्रक्रिया समय पर और पारदर्शिता के साथ पूरी की जाए ताकि भविष्य में प्रमोशन के लिए फिर से इतना लंबा इंतजार न करना पड़े।

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