MP News : चंबल नदी में घड़ियालों की बढ़ती संख्या से उत्साहित सरकार अब डॉल्फिन मछली के कुनबे को भी बढ़ाने की योजना बना रही है। ‘प्रोजेक्ट डॉल्फिन” के तहत चंबल नदी में डॉल्फिन के रहवासों को चयनित कर वहां पर्यटन स्थल भी विकसित किए जाएंगे। चंबल नदी को रेत माफिया से बचाने के लिए भी खास योजना बनेगी। इन सब मुद्दों पर केंद्र सरकार के अधिकारियों ने बीते दिनों चंबल घड़ियाल अभयारण्य के अफसरों के साथ बैठक कर रूपरेखा बना ली है।
‘सेव द टाइगर” अभियान की तर्ज पर प्रोजेक्ट डॉल्फिन तैयार किया जा रहा है। चंबल नदी में मुरैना के राजघाट से लेकर भिंड जिले के पचनदा तक 220 किमी के हिस्से में कई जगह डॉल्फिन का रहवास है। वन विभाग के अनुसार इस क्षेत्र में 82 डॉल्फिन की मौजूदगी के प्रमाण हैं। प्रोजेक्ट के तहत एक साल तक सर्वे होगा। इसके बाद डॉल्फिन संरक्षण व पर्यटन केंद्र बनाने का काम होगा।
केंद्र सरकार, भारतीय वन्यजीव संस्थान (डब्ल्यूआइआइ) देहरादून के विशेषज्ञ और कई अन्य राज्यों के वन्य व जलीय जीव विशेषज्ञों की टीम पानी में काम करने वाले आधुनिक कैमरों, रेडियो तरंगों व रडार के जरिये डॉल्फिन की गणना करेगी। इसके रहवास वाले क्षेत्रों में नदी की गहराई-चौड़ाई, पानी की मात्रा और घाटों की स्थिति का भी सर्वे होगा। केंद्र सरकार के अधिकारियों ने वन विभाग के स्थानीय अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि बरसात में ही सर्वे के लिए मोटर बोट, नाव जैसे संसाधन जुटा लें। बारिश के बाद सर्वे शुरू होगा। जून, 2022 से पहले इसे पूरा करना है।
चार साल से घट रही थीं डॉल्फिन, इस साल वृद्धि देखी गई
इस साल फरवरी में की गई जलीय जीवों की गणना में डॉल्फिन को लेकर अच्छी खबर मिली थी। पहली बार एक साल (2020 से 2021 के बीच) में डॉल्फिन की संख्या में 14 सदस्यों की बढ़ोतरी हुई। 2020 में 68 डॉल्फिन थीं जो इस बार 82 हो गई हैं। 2016 से 2020 के बीच इनकी संख्या लगातार घटती गई। 2016 में यहां 78 डॉल्फिन थीं।