MP News: आपके साथ नहीं रहेगी आपकी परछाई! जीरो शैडो डे ने भोपाल में रचा विज्ञान का करिश्मा

MP News: आज 14 जून को भोपाल में एक अनोखी खगोलीय घटना देखने को मिली जिसे शून्य छाया दिवस कहा जाता है। दोपहर के समय जब सूरज एकदम सिर के ऊपर होता है तो किसी भी वस्तु की छाया ज़मीन पर नहीं दिखती। ऐसा लगता है जैसे छाया कहीं गायब हो गई हो लेकिन असल में वह वस्तु की सीधी नीचे की ओर बनती है और इसलिए दिखाई नहीं देती। यह घटना हर साल दो बार होती है और भोपाल जैसे शहरों में अलग-अलग तिथियों पर दिखाई देती है।

बच्चों के लिए साइंस चौपाल में हुआ विज्ञान का लाइव प्रदर्शन

इस खास मौके पर राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता विज्ञान प्रसारक सरीका घारू ने एक साइंस चौपाल का आयोजन किया। इसमें बच्चों को बताया गया कि कैसे पृथ्वी की झुकाव की वजह से सूर्य मकर रेखा से कर्क रेखा की ओर छः महीने तक यात्रा करता है और इन ही महीनों में सूर्य कुछ विशेष स्थानों के ठीक ऊपर आ जाता है। जब सूर्य सिर के ठीक ऊपर होता है तब छाया सीधी नीचे बनती है जिससे वह हमारी नज़रों से गायब हो जाती है। बच्चों को रॉड खड़ा कर के दिखाया गया कि दोपहर में उसकी कोई छाया नहीं दिखती।

MP News: आपके साथ नहीं रहेगी आपकी परछाई! जीरो शैडो डे ने भोपाल में रचा विज्ञान का करिश्मा

क्यों होता है शून्य छाया दिवस

पृथ्वी का झुकाव और उसकी सूर्य के चारों ओर परिक्रमा इस घटना के पीछे मुख्य कारण हैं। जब सूर्य कर्क रेखा की ओर जाता है तो रास्ते में आने वाले शहरों के ऊपर से भी गुजरता है। जब सूर्य ठीक ऊपर होता है तो वस्तुओं की छाया उनके आधार के नीचे सीधी बनती है और वह देखने में नहीं आती। इसीलिए इसे शून्य छाया दिवस कहा जाता है। सरीका घारू ने बताया कि यह दिन केवल उन्हीं स्थानों पर होता है जो कर्क रेखा और मकर रेखा के बीच स्थित हैं।

दो बार होता है ये नज़ारा एक ही शहर में

यह खगोलीय घटना हर साल दो बार होती है। एक बार जब सूर्य कर्क रेखा की ओर जाता है और दूसरी बार जब वह वापसी में मकर रेखा की ओर लौटता है। इस साल सूर्य 21 जून को कर्क रेखा तक पहुंचेगा और फिर दक्षिण की ओर लौटेगा। इसलिए भोपाल में यह घटना दोबारा 28 जून को फिर से दिखाई देगी। सरीका ने बताया कि क्योंकि भोपाल एक बड़ा शहर है जो उत्तर से दक्षिण तक फैला है इसलिए दक्षिणी इलाकों में यह घटना 13 जून को ही शुरू हो जाती है जबकि शहर के मध्य में यह 14 जून को दिखती है।

विज्ञान के प्रति रुचि जगाने का अवसर

शून्य छाया दिवस सिर्फ एक खगोलीय घटना नहीं बल्कि बच्चों और युवाओं में विज्ञान के प्रति रुचि जगाने का अच्छा मौका भी है। जब बच्चे अपनी आंखों से यह दृश्य देखते हैं तो वे सवाल पूछते हैं और खगोल विज्ञान के बारे में जानना चाहते हैं। सरीका घारू ने बताया कि ऐसे प्रयोग और प्रदर्शन अगर स्कूलों और समाज में लगातार होते रहें तो विज्ञान को लेकर एक नई सोच विकसित की जा सकती है। उन्होंने कहा कि विज्ञान को किताबों से बाहर निकाल कर जमीन पर दिखाना ही असली शिक्षा है।

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