भोपाल।आग लगाने वाले बयान को लेकर भोपाल सांसद बैकफुट पर आ गई हैं। बीजेपी की नगरीय निकाय चुनाव को लेकर चयन समिति में जगह नहीं मिलने पर सांसद भड़क उठीं। कांग्रेस ने सवाल खड़े किए तो प्रज्ञा ने सोशल मीडिया पर लिखा- हजारों प्रश्नों का एक उत्तर- चयन समिति में नाम न होना संगठन का निर्णय “शिरोधार्य”। किन्तु- आठ विधानसभा की जनता ने एक लोकसभा सांसद चुना। इस जनता के प्रति अपने दायित्व का निर्वहन अवश्य करूंगी। हां, कां. हम आग भी वहां लगाते हैं, जहां मुर्दा भी आग से डरते हैं। सांसद_संन्यासी।
अब बयान को लेकर सोमवार को सांसद प्रज्ञा ने स्थिति स्पष्ट की। कहा कि कांग्रेस से मेरी नाराजगी है, जो हमेशा रहेगी। कांग्रेस ने कहा कि आग लगाने के लिए हैं। समितियों के बनने में यह व्यवस्था है। इससे नाराज नहीं हुआ जाता। यह संगठन की व्यवस्था है। यह संगठन दलगत राजनीति में विश्व का सबसे बड़ा संगठन है। इसमें हम सब लोग नींव का पत्थर हैं। हम कभी नाराज नहीं होते क्योंकि, व्यवस्थाएं हैं। यह एक प्रक्रिया है। इस प्रक्रिया में सब सम्मिलित होते हैं। इसमें नाराजगी का प्रश्न ही नहीं। मैंने जवाब कांग्रेस की बात का दिया है। उनकी तरफ से हजारों प्रश्न आ रहे थे। इसका जवाब मैंने दिया है कि आग लगाने का काम कांग्रेस करती है। कांग्रेस कहीं बची नहीं है।
भाजपा द्वारा नगरीय निकाय चुनाव को लेकर चयन समिति बनाई गई। इसमें भोपाल सासंद प्रज्ञा सिंह को शामिल नहीं किया। इसको लेकर कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष केके मिश्रा ने 10 जून को बयान जारी किया कि भाजपा द्वारा नगरीय निकाय चुनाव को लेकर बनाई गई संभागवार चयन समिति में भोपाल संभाग से स्थानीय सांसद प्रज्ञासिंह ठाकुर ही गायब.”BJP की ये कैसी मजबूरी, साध्वी से कैसी दूरी.. क्या ये सिर्फ “आग” लगाने के ही काम आती हैं?