नीमच: नीमच जिले की जावद एडीजे कोर्ट ने 27 जुलाई को एक हत्या के मामले में फैसला सुनाया। इस केस में देवीलाल नाम के व्यक्ति की हत्या कर दी गई थी। हत्या के आरोपी दिनेश को आजीवन कारावास की सजा मिली है, लेकिन उसकी प्रेमिका गायत्री को हत्या के आरोप से बरी कर दिया गया है।
इस मामले में आरोपी दिनेश ने बताया था कि देवीलाल की पत्नी गायत्री के कहने पर उसने हत्या की, क्योंकि दोनों के अवैध संबंध थे और देवीलाल आए दिन इसे लेकर विवाद करता था। कोर्ट ने इसे जघन्य अपराध मानते हुए सुनवाई की, क्योंकि हत्या की इस वारदात को दुर्घटना का रूप देने की कोशिश की गई थी।
मामले की शुरुआत और जांच
हत्याकांड: तीन साल पहले देवीलाल की हत्या कर दी गई थी। आरोपी दिनेश ने स्वीकार किया था कि उसने देवीलाल की हत्या गायत्री के कहने पर की, क्योंकि देवीलाल और गायत्री के बीच अवैध संबंध थे और देवीलाल इस बात को लेकर विवाद करता था।
पुलिस जांच: देवीलाल के शव पर रस्सी के निशान मिले, जिससे हत्या का पता चला। पुलिस ने शव का पोस्टमॉर्टम कराया और पता चला कि मौत गर्दन पर किसी रस्सी के दबाने से हुई थी।
गिरफ्तारी: दिनेश और उसके दोस्त दुर्गेश, और गायत्री को हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने दिनेश के घर से खून से सनी रस्सी और मोबाइल की कॉल डिटेल रिपोर्ट (CDR) भी जब्त की, जिससे दिनेश के हत्या में शामिल होने की पुष्टि हुई।
कोर्ट का फैसला
कोर्ट ने दिनेश को हत्या का दोषी मानते हुए उसे आजीवन कारावास और 100 रुपए के जुर्माने की सजा दी। जुर्माना न भरने पर तीन महीने की अतिरिक्त सजा भी होगी।
गायत्री और दुर्गेश को बरी कर दिया गया। कोर्ट ने पाया कि गायत्री की हत्या में शामिल होने के ठोस सबूत नहीं थे, और उसकी घटनास्थल पर मौजूदगी भी साबित नहीं हो पाई। दुर्गेश के खिलाफ भी साक्ष्य कम थे।
दिनेश का दावा
दिनेश ने अदालत को गुमराह करने की कोशिश की, यह कहकर कि देवीलाल ने आत्मदाह की कोशिश की थी और उसकी हत्या के पीछे अन्य लोगों का भी हाथ हो सकता है। लेकिन इन दावों के समर्थन में कोई ठोस सबूत पेश नहीं किए गए, और अदालत ने इन्हें खारिज कर दिया। इस मामले में अंततः दिनेश को दोषी ठहराया गया और गायत्री को बरी कर दिया गया।