किसान बिल पर कांग्रेस ने क्या कहा
कांग्रेस ने सरकार की ओर से लोकसभा में पेश कृषि से संबंधित विधेयकों को ‘किसान विरोधी षड्यंत्र’ करार देते हुए सोमवार को कहा कि इससे किसानों को नहीं, बल्कि बड़े-बड़े उद्योगपतियों को आजादी मिलने वाली है। पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘‘ किसान ही हैं जो ख़रीद खुदरा में और अपने उत्पाद की बिक्री थोक के भाव करते हैं। मोदी सरकार के तीन ‘काले’ अध्यादेश किसान-खेतिहर मज़दूर पर घातक प्रहार हैं ताकि न तो उन्हें एमएसपी व हक़ मिलें और मजबूरी में किसान अपनी ज़मीन पूंजीपतियों को बेच दें।’’ उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘यह मोदी जी का एक और किसान-विरोधी षड्यंत्र है।’’ लोकसभा में कांग्रेस के उप नेता गौरव गोगोई ने संसद परिसर से बाहर संवाददाताओं से कहा, ‘‘सरकार जो दो विधेयक लेकर आई है वो किसानों और कृषि क्षेत्र को तबाह करने वाले हैं। आज का दिन काला अक्षर से लिखा जाएगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ हमने सदन में इसका विरोध किया। मंत्री जी ने कहा कि ये किसानों को आजादी देते हैं। यह सरासर झूठ है। ये किसानों को नहीं, बल्कि बड़े उद्योगपतियों को आजादी देते हैं।’’ गौरतलब है कि कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने सोमवार को कृषि उत्पाद व्यापार और वाणिज्य विधेयक, किसान मूल्य आश्वासन समझौता विधेयक और कृषि सेवा अध्यादेश और आवश्यक वस्तु विधेयक पेश किये। ये विधेयक अध्यादेशों का स्थान लेने के लिए पेश किए गए हैं। देश के कुछ हिस्सों में किसान संगठन इनका विरोध कर रहे हैं।
किसानों के कल्याण को ध्यान में रखते हुए संसद के समक्ष तीन बिल लाए गए हैं। इन विधेयकों पर जानकारी देते हुए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। नड्डा ने बताया कि सरकार किसानों के हित में तीन विधेयक लेकर आई है। इन विधेयकों को कृषि क्षेत्र में निवेश बढ़ाने के लिए लाया गया है। उन्होंने कहा कि पहले इन विधेयकों का कांग्रेस द्वारा समर्थन किया जा रहा था, लेकिन अब इस पर राजनीति की जा रही है।
भाजपा अध्यक्ष ने कहा, किसानों के फायदे को ध्यान में रखते हुए संसद में तीन विधेयक लाए गए हैं। इसमें आवश्यक वस्तु विधेयक, किसानों के व्यापार और वाणिज्य अध्यादेश और किसानों के समझौते पर मूल्य निर्धारण अध्यादेश शामिल है। नड्डा ने कहा कि तीन कृषि अध्यादेशों से किसानों को बहुत फायदा मिलेगा। ये तीनों अध्यादेश बहुत दूर-दृष्टि वाले हैं। इसलिए हम इन्हें बिल के रूप संसद में ला रहे हैं और पास कराने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन विधेयकों से कृषि क्षेत्र में निवेश बढ़ेगा।
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