ग्वालियर। मध्य प्रदेश की लोकप्रिय लाड़ली बहना योजना में कई लाभार्थी महिलाएं अचानक बाहर हो गईं, जिससे यह सवाल उठ रहा है कि ऐसा क्यों हुआ। ग्वालियर की 400 महिलाएं ऐसी हैं जिन्होंने खुद योजना से बाहर नहीं किया, लेकिन फिर भी उनका नाम योजना से हटा दिया गया। इन महिलाओं को योजना में शामिल रहने का अधिकार होने के बावजूद उनका नाम हटा दिया गया, जिससे यह मामला शासन और हितग्राही महिलाओं के लिए एक पहेली बन गया है।
150 महिलाओं ने महिला एवं बाल विकास विभाग को इस बारे में लिखित शिकायत की है, और इसकी पूरी रिपोर्ट ग्वालियर से भोपाल भेजी गई। हालांकि, भोपाल से यह बताया गया है कि ऐसी स्थिति में लाभ परित्याग संभव नहीं है।
OTP के बिना लाभ परित्याग नहीं
विभाग के अधिकारियों का कहना है कि ओटीपी प्रक्रिया के बिना किसी भी महिला का लाभ परित्याग नहीं किया जा सकता है। अब शासन से यह मांग की गई है कि जिन महिलाओं का नाम गलत तरीके से बाहर किया गया है, उन्हें दोबारा योजना में शामिल किया जाए।
योजना से बाहर होने वाली महिलाए
ग्वालियर जिले में कुल 3 लाख 12 हजार 527 महिलाओं को मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना का लाभ मिल रहा है। योजना की शुरुआत में अधिक रजिस्ट्रेशन हुए थे, लेकिन अपात्र महिलाओं को बाहर कर दिया गया था। अब तक इस योजना से 2900 महिलाएं बाहर हो चुकी हैं, जिनमें उम्र 60 वर्ष से अधिक होने, मृत्यु और लाभ परित्याग के मामले शामिल हैं।
लाड़ली बहना वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी
लाड़ली बहना योजना के लिए विभाग की आधिकारिक वेबसाइट और एप्लिकेशन उपलब्ध हैं, जहां महिलाएं अपने आवेदन क्रमांक से लॉगइन करके ओटीपी के माध्यम से खाते में राशि आने की जानकारी ले सकती हैं। लाभ परित्याग का विकल्प भी वेबसाइट पर दिया गया है, जिस पर क्लिक करने के बाद ओटीपी प्राप्त होता है और घोषणा पर सहमति देने के बाद लाभ परित्याग स्वीकृत हो जाता है।