भोपाल। हर साल ज्येष्ठ महीने में ग्रीष्म ऋतु के साथ नौतपा की शुरुआत होती है। हिंदू मान्यताओं के मुताबिक जब सूर्य देव चंद्रमा के नक्षत्र यानी रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करते हैं तब नौतपा की शुरुआत होती है। मई से नौतपा लगने से रिकॉर्ड तोड़ गर्मी दर्ज की जा सकती है। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार सूर्य 15 दिन के लिए रोहिणी नक्षत्र में गोचर करने जा रहे हैं। इन्हीं 15 दिनों के पहले के 9 दिन सर्वाधिक गर्मी वाले होते हैं। जिसे नोतपा कहा जाता है।
हिंदू पंचांग के अनुसार, सूर्य 25 मई को रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करेंगे और इसके बाद नौ दिन का नौतपा होता है, जिसमें भीषण गर्मी पड़ती है। सूर्य 25 मई 2023 को रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करेंगे और 8 जून तक इसी नक्षत्र में रहेंगे। गर्मी के 9 दिनों में लू चलती है, आंधी और तूफान का अंदेशा बढ़ जाता है। ऐसे में किसी भी तरह के शुभ काम को करने की मनाही होती है और ठंडी चीजों को दान करने का विशेष महत्व होता है।
धार्मिक शास्त्रों के अनुसार, चंद्र देव रोहिणी नक्षत्र के स्वामी हैं और शीतलता के कारक हैं। ऐसे में जब सूर्य रोहिणी में गोचर करते है तो उस नक्षत्र को भी अपने प्रभाव में ले लेते हैं। जब सूर्य रोहिणी नक्षत्र को अपने प्रभाव में लेते तो इस वजह से पृथ्वी को शीतलता नहीं मिल पाती और भीषण गर्मी पड़ने लगती है। बता दें कि ज्योतिषीय सूर्य सिद्धांत और श्रीमद् भागवत में नौतपा का उल्लेख मिलता है।
वैज्ञानिक मान्यता के अनुसार, जब सूर्य की किरण पृथ्वी पर पढ़ती हैं। वातावरण गर्म हो जाता है। इससे आंधी और तूफान की स्थिति बन जाती है। वैज्ञानिक रूप से इस दौरान सूर्य की स्थिति बदलने के चलते मई के आखिर और जून के पहले हफ्ते में सूर्य मध्य भारत के ऊपर आ जाता है और सूर्य की किरणें सीधे पृथ्वी पर पड़ती हैं। इसके कारण इस समय में बुरी तरह से झुलसाने वाली गर्मी पड़ती है।