देवी आराधना का पर्व शारदीय नवरात्र गुरुवार को चित्रा नक्षत्र की साक्षी में आरंभ होगा। चतुर्थी तिथि के क्षय के कारण इस बार नवरात्र आठ दिन की रहेगी। पिछले साल दोनों नवरात्र और इस साल चैत्र नवरात्र पर्व पर कोरोना को देखते हुए प्रतिबंध लगे थे। अब हालत में सुधार है तो पर्व को लेकर भक्तों में उत्साह है। आगर-मालवा के नलखेड़ा में मां बगलामुखी मंदिर, देवास में बड़ी माता यानी तुलजा भवानी और छोटी माता मां चामुंडा मंदिर और उज्जैन में शक्तिपीठ हरसिद्धि, गढ़कालिका, भूखी माता मंदिर में बड़ी संख्या भक्त पहुंचेंगे। कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए दर्शन करेंगे।
उज्जैन में शक्तिपीठ हरसिद्धि मंदिर में सुबह ब्रह्म मूहुर्त में घट स्थापना होगी। माता lहरसिद्धि का अभिषेक पूजन कर आकर्षक श्रृंगार किया जाएगा। शाम को गोधूलि वेला में सामूहिक रूप से दीपमालिका प्रज्वलित की जाएगी। हालांकि एक दिन पहले बुधवार को दीपमालिका प्रज्वलित होने से मां का आंगन रोशन हुआ। 13 अक्टूबर को नगर पूजा की जाएगी। नगर के विभिन्न कोणों में स्थित 40 से अधिक देवी व भैरव मंदिरों में पूजा अर्चना होगी।
देवास स्थित माता टेकरी पर मां का दरबार सज गया है। जगह-जगह स्टापर बनाए गए हैं। टेकरी पर बड़ी माता यानी तुलजा भवानी और छोटी माता मां चामुंडा विराजित हैं। दिन में मां के तीन रूपों में दर्शन होते हैं। सुबह बाल अवस्था, दोपहर में युवा और शाम को बुजुर्ग अवस्था में। गुरुवार को घट स्थापना 12 से डेढ़ बजे के बीच होगी। इस बार परिक्रमा मार्ग पर बुजुर्ग श्रृद्धालुओं के लिए ई रिक्शा चलेगा। नई व्यवस्था में भक्तों को बांस के डिब्बों में प्रसाद दिया जाएगा। इसके लिए 50 हजार डिब्बे तैयार किए गए हैं।
नलखेड़ा स्थित बगलामुखी मंदिर में मां पीतांबरा सेवा समिति द्वारा सुबह 9.30 बजे छप्पन भोग लगाया जाएगा। हालांकि दर्शन गर्भगृह से नहीं हो पाएंगे। भक्तों को मुख्य हवन कुंड से ही दर्शन करना होंगे। मंदिर में हवन-अनुष्ठान होंगे।
शुभ मुहूत
सुबह
6.24 से सुबह 7.54 बजे तक।
10.54 से दोपहर 12.24 बजे।
– 11.51 से दोपहर 12.39 बजे तक।
– दोपहर
-12.24 से दोपहर 01.54 बजे तक।
– 1.54 से दोपहर 03.24 बजे तक।
शाम
– 4 .54 से शाम 6.24 बजे तक।
– 6.25 से शाम 07.35 तक।