भोपाल: संविदा कर्मचारियों को नियमित कर्मचारियों जैसी सुविधाएं देने की घोषणा 2023 में हुई थी, लेकिन एक साल बाद भी अधिकांश घोषणाएं अधूरी हैं। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने संविदा कर्मचारियों को 9 सुविधाएं देने का वादा किया था, लेकिन अब तक केवल वेतनमान पर आंशिक रूप से अमल हुआ है, वह भी प्रदेश के 60% विभागों में आदेश जारी नहीं किए गए हैं।
घोषणाओं में नियमित पदों पर भर्ती में 50% आरक्षण देने का भी वादा किया गया था, जिसके लिए 22 जुलाई 2023 को सामान्य प्रशासन विभाग ने आदेश जारी किया था। हालांकि, अब तक किसी भी विभाग में संविदा कर्मचारियों को 50% आरक्षित पदों पर भर्ती नहीं किया गया है।
विभिन्न विभागों में संविदा कर्मचारियों की स्थिति गंभीर है, विशेष रूप से पशुपालन विभाग के कुक्कुट विकास निगम में, जहां पिछले 8 वर्षों से एक ही वेतन पर कर्मचारियों से काम कराया जा रहा है। न केवल वेतन में वृद्धि की कमी है, बल्कि कर्मचारियों का पीएफ भी नहीं काटा जा रहा। इसके बावजूद, पीएफ कमिश्नर द्वारा पूर्व एमडी से जवाब तलब किया गया, लेकिन स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ।
संविदा कर्मचारियों के संगठन के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर का कहना है कि सरकार को पूर्व मुख्यमंत्री की घोषणाओं के अनुरूप वेतन, ग्रेच्युटी, और अनुकंपा नियुक्ति सहित अन्य लाभ देने के आदेश जारी करने चाहिए। रिक्त पदों पर संविलयन के आदेश भी जल्द से जल्द लागू किए जाने चाहिए।
कुक्कुट विकास निगम के एमडी डॉ. राजू रावत ने कहा है कि संविदा कर्मचारियों को नियमित कर्मचारियों की तरह वेतन देने का निर्णय बोर्ड बैठक में लिया जा चुका है, और अगले एक महीने में इसे लागू किया जाएगा। अन्य सुविधाओं के लिए शासन से जो दिशा-निर्देश मिलेंगे, उनके अनुसार अमल किया जाएगा।
हालांकि, संविदा कर्मचारियों का पीएफ न काटे जाने का मामला विधानसभा में भी उठाया गया था, जहां विभागीय अफसरों ने पशुपालन मंत्री को गलत जानकारी दी थी कि पीएफ काटने का कोई प्रावधान नहीं है। इस मुद्दे को लेकर कर्मचारियों ने सामूहिक रूप से इस्तीफा देने की धमकी दी थी, जिसके बाद बोर्ड की बैठक में संविदा कर्मचारियों को 22 जुलाई 2023 के आदेश के अनुसार सुविधाएं देने का प्रस्ताव पास किया गया, लेकिन अब तक इस पर कोई आदेश जारी नहीं हुआ।